Cricket News: Indian Team: Captain Shubaman Gill:रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने 25 वर्षीय युवा बल्लेबाज़ शुभमन गिल को भारतीय टेस्ट टीम का नया कप्तान नियुक्त कर दिया है। गिल की कप्तानी का पहला असाइनमेंट होगा इंग्लैंड दौरा, जो भारतीय टीम के लिए हमेशा से ही चुनौतीपूर्ण रहा है।

टीम चयन के बाद मुख्य चयनकर्ता अजीत आगरकर की प्रतिक्रिया से स्पष्ट संकेत मिला कि चयन समिति ने इंग्लैंड दौरे के कठिन नतीजों के लिए खुद को तैयार कर लिया है।
शुभमन गिल: भारत का भविष्य, लेकिन टेस्ट में अब भी खुद को साबित करना बाकी
गिल को सफेद गेंद क्रिकेट (वनडे और टी20) में शानदार प्रदर्शन के लिए जाना जाता है और उन्हें लंबे समय से भविष्य का कप्तान माना जाता रहा है। हालांकि, टेस्ट क्रिकेट में गिल को अभी भी अपनी पकड़ मजबूत करनी होगी।
अब तक गिल ने भारत के लिए 59 टेस्ट पारियां खेली हैं, जिनमें उन्होंने 5 शतक लगाए हैं, लेकिन उनका औसत केवल 35.00 से थोड़ा ही अधिक है। अगर उन्हें पहले वनडे टीम की कप्तानी दी जाती, तो शायद उनके टेस्ट आंकड़े इतनी चर्चा का विषय नहीं बनते। लेकिन चूंकि उन्हें सीधे टेस्ट टीम की कमान सौंपी गई है, इसलिए उनके प्रदर्शन पर अब अधिक बारीकी से नजर रखी जाएगी।
विकल्प सीमित थे, गिल को भविष्य को ध्यान में रखकर चुना गया
BCCI के पास गिल के अलावा बहुत अधिक विकल्प नहीं थे। इस रेस में ऋषभ पंत, जसप्रीत बुमराह और केएल राहुल भी शामिल थे।
ऋषभ पंत अभी टेस्ट टीम में अपनी वापसी कर चुके हैं, लेकिन T20 और वनडे में उन्हें फिर से अपनी जगह पक्की करनी है। इस अनिश्चितता के चलते वे पीछे रह गए।
वहीं केएल राहुल का टेस्ट औसत गिल से भी कम है और उम्र भी उनके पक्ष में नहीं है।
जसप्रीत बुमराह फिटनेस और वर्क लोड के वजह से इस रेस से बाहर हो गए।
BCCI ऐसे कप्तान की तलाश में था जो दोनों फॉर्मेट (टेस्ट और वनडे) में टीम की कमान संभाल सके। इसी सोच के तहत शुभमन गिल को मौका दिया गया। गिल युवा हैं, उनमें लीडरशिप क्वालिटी है और वे पहले ही वनडे कप्तान के रूप में भविष्य के नेता के रूप में देखे जा रहे हैं।
टेस्ट कप्तानी की जिम्मेदारी: मौका और चुनौती दोनों
हालांकि गिल को टेस्ट टीम की कप्तानी देने के पीछे BCCI की यह मजबूरी भी रही कि फिलहाल उनके पास कोई और मजबूत विकल्प उपलब्ध नहीं था। जडेजा की अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर हैं, इस वजह से गिल को मौका देने के अलावा बीसीसीआई के पास कोई दूसरा मौका नहीं था। हालांकि आईपीएल में गिल की कप्तानी ने सभी को प्रभावित किया है, बिल्कुल रोहित शर्मा की तरह।
भारतीय क्रिकेट का इतिहास बताता है कि सफेद गेंद के माहिर खिलाड़ी जरूरी नहीं कि टेस्ट क्रिकेट में भी उतने ही सफल रहें — युवराज सिंह इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं।
अब देखना होगा कि शुभमन गिल इस नई भूमिका को किस तरह निभाते हैं। इंग्लैंड दौरा उनके लिए एक बड़ी अग्निपरीक्षा साबित हो सकता है, जो उनके नेतृत्व की दिशा और भारतीय टेस्ट टीम के भविष्य को तय कर सकता है। बीसीसीआई का ये फैसले साउथ अफ्रीका जैसा लग रहा है। जिस तरह से 2003 विश्वकप के बाद ग्रीम स्मिथ को कप्तान बनाया गया और उन्होंने उसके बाद कई इतिहास अपने नाम किए।
