हल्द्वानी: रणजी ट्रॉफी में त्रिपुरा के खिलाफ ड्रॉ मुकाबले ने टीम उत्तराखण्ड के आत्मविश्वास को बढ़ाया है। टीम अब रणजी ट्रॉफी के मौजूदा सीजन में हार के सिलसिले को जीत में तब्दील करने की राह पर निकल गई है। रांची में झारखंड के खिलाफ उत्तराखण्ड की टीम ने ना सिर्फ वापसी कर बदलाव के संकेत दिए। इस मैच की पहली पारी में तीसरे नंबर पर टीम मैनेजमेंट ने विकेटकीपर बल्लेबाज सौरभ रावत को उतारा। सौरभ रावत ने टीम मैनेजमेंट को फैसले को सही साबित किया और 66 रनों की पारी खेली। उत्तराखण्ड ने पहली पारी में 227 रन बनाए।
जवाब में झारखंड ने पहली पारी के आधार पर 71 रनों की बढ़त हासिल की। गेंदबाजी में मयंक मिश्रा ने शानदार गेंदबाजी की और 5 विकेट हासिल की, नहीं तो ये बढ़त और भी ज्यादा हो सकती थी। दूसरी पारी में उत्तराखण्ड के बल्लेबाजों ने गेंदबाजों की मेहनत को बेकार नहीं जाने दिया। इसी बीच सौरभ रावत ने उत्तराखण्ड के लिए इस सीजन में पहला शतक जड़ा। उन्होंने 110 रनों की पारी खेली और उत्तराखण्ड को मुकाबला अपने नाम करने का मौका दे दिया। अपनी इस पारी में उन्होंने 17 चौके जमाए। सौरभ रावत ने 190 गेंदों का सामना किया। रणजी ट्रॉफी में सौरभ का यह चौथा शतक है। सौरभ के अलावा हल्द्वानी के दिक्षांशु नेगी ने शानदार 82 रनों की पारी खेली। उनकी इस पारी में 6 चौके और 4 छक्के शामिल रहे।
दोनों बल्लेबाजों के पराक्रम ने उत्तराखण्ड टीम को मुकाबले में खड़ा कर दिया है। झारखंड को ये मुकाबला जीतने के लिए 203 रनों की जरूरत है। पहली पारी में उत्तराखण्ड के गेंदबाजों ने शानदार गेंदबाजी की थी। अगर वो एक बार फिर वो प्रदर्शन दोहरांगे तो उत्तराखण्ड सीजन की पहली जीत हासिल कर सकता है।