हल्द्वानी: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई (BCCI)) का कामकाज देखने के लिए सर्वोच्च अदालत द्वारा गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) (COA) ने उत्तराखण्ड क्रिकेट को मान्यता दे दी है। उत्तराखण्ड में क्रिकेट गतिविधियों का संचालन क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड ( CAU) करेगी। सीओए ने मंगलवार को ये फैसला लिया।
उत्तराखण्ड में क्रिकेट को मान्यता को लेकर क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड और उत्तरांचल क्रिकेट एसोसिएशन को नाम को लेकर काफी चर्चा हुई लेकिन फैसला सीएयू के हक में हुआ। बता दे कि उत्तराखण्ड में मान्यता को संघों के बीच विवाद चल रहा था जिसका आज अंत हो गया। सीओए ने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड से 14 सिंतबर से पहले सर्टिफिकेट पूरे करने, निर्वाचन ऑफिसर नियुक्त करने और चुनाव कराने को कहा है।
बैठक में इन बिंदुओं पर किया गया गौर-
कुछ वक्त पहले बीसीसीआई के अधिकारियों ने सभी संघों के साथ बैठक ली थी। सभी संघों ने रिपोर्ट पेश की थी। राजस्व के मामले में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड, उत्तरांचल क्रिकेट एसोसिएशन से आगें रही। रिपोर्ट की बात करें तो पिछले (2005 से 2018) 13 सालों में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड का राजस्व दो करोड़ 59 लाख 80 हजार 454 रुपए रहा था, वहीं बात उत्तराचंल क्रिकेट एसोसिएशन की करें तो ये आकंड़ा 10 लाख 84 हजार 28 रुपए रहा था। इससे साफ है कि आर्थिक रूप से सीएयू मजबूत है और उत्तराखण्ड क्रिकेट का संचालन करने में सक्षम है। क्योंकि क्रिकेट गतिविधियों को आगें बढ़ाने के लिए काफी खर्चा होता है। इसके अलावा सीएयू द्वारा टूर्नामेंट का आयोजन बड़े स्तर पर कराया जाता था। राजस्व और बड़े स्तर के टूर्नामेंट के जरिए राज्य क्रिकेट को बढ़ावा सीओयू द्वारा दिया जा रहा था, इसके चलते उत्तराखण्ड सरकार ने भी सीएयू का समर्थन किया था।
मान्यता मिलने से उत्तराखण्ड क्रिकेट का संचालन एक छत के नीचे किया जाएगा। राज्य में क्रिकेट गतिविधियां भी बढ़ेगी। पिछले 18 सालों से राज्य क्रिकेट मान्यता के लिए लड़ता रहा जिसके चलते कई खिलाड़ियों को बाहर जाना पड़ा। पिछले साल उत्तराखण्ड क्रिकेट का संचालन के लिए UCCC का गठन किया था लेकिन अब राज्य को पूर्ण मान्यता दे दी।
क्रिकेट एसो. ऑफ उत्तराखंड के सचिव पीसी वर्मा का कहना है कि मैंने अपना पूरा जीवन क्रिकेट को समर्पित किया है। अपने जीवन में क्रिकेट के अलावा कुछ नहीं कमाया। आज मेरी दिली इच्छा पूरी हो गई। अब मेरे राज्य के किसी भी खिलाड़ी को क्रिकेट खेलने के बाहर नहीं जाना पड़ेगा। इसके लिए मैं बीसीसीआइ, प्रशासकों की समिति को विशेष धन्यवाद करता हूं।