नई दिल्ली: उन्मुक्त चंद का नाम जब भी जुबां में आता है चैंपियन खिलाड़ी की छवि आंखों के सामने नजर आती है। एक ऐसा खिलाड़ी जिसकी तुलना भारत के भविष्य के रूप में होती थी वो अचानक से गायब हो जाएगा किसी ने सोचा नहीं था। इतने सालों में कई अंडर-19 के युवा क्रिकेटरों ने राष्ट्रीय टीम में अपनी जगह बनाई। हालांकि, कई ऐसे खिलाड़ी भी हैं, जिनके नाम की खूब चर्चा हुई, लेकिन वह अंतरराष्ट्रीय मंच के लिए खुद को तैयार नहीं कर सके। उन्मुक्त चंद उनमें से एक नाम हैं, जिसे एक समय भारतीय क्रिकेट का बड़ा स्टार माना जा रहा था।
चंद ने 2012 अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारत को चैंपियन बनाया था और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल में उम्दा मैच विजयी शतक भी जमाया था। साल 2019 में उन्होंने उत्तराखंड क्रिकेट टीम ज्वाइन की। वनडे में तो उनका प्रदर्शन अच्छा था लेकिन रणजी ट्रॉफी में उनका बल्ला कमाल नहीं दिखा सका। खराब प्रदर्शन के चलते चंद को कप्तानी से हटा दिया गया था और अंत में उन्हें बाहर भी बैठना पड़ा था।
दिल्ली का बल्लेबाज हर जगह सुर्खियों में था और उनकी तुलना विराट कोहली से होने भी लगी थी। हालांकि, धुरंधर ओपनर के लिए भाग्य ने कुछ अलग ही योजना तैयार कर रखी थी। अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारत को चैंपियन बनाने के बाद चंद ने आगे चलकर भारत ए का नेतृत्व भी किया। चंद अपने सुनहरे सफर पर आगे बढ़ रहे थे, लेकिन 2016 में अचानक सबकुछ बिखर गया।
दिल्ली ने दिया सबसे बड़ा झटका
चंद को दिल्ली की टीम से बाहर कर दिया गया। वह अपना आईपीएल अनुबंध गंवा बैठे। उनके जख्मों पर गहरा घाव तब लगा जब भारत ए से भी उन्हें बाहर कर दिया गया। हाल ही में आकाश चोपड़ा के साथ बातचीत में उन्मुक्त चंद ने अपने क्रिकेटर करियर में हुई घटनाओं के बारे में खुलकर बातचीत की। लगातार दुर्भाग्यवश चीजें होने से चंद दंग रह गए और उनके मुताबिक ऐसा लगा कि उनके कपड़े उतर गए हो।
चंद ने कहा, ‘मेरे लिए सबसे बड़ा झटका था जब मुझे दिल्ली की वनडे टीम से बाहर कर दिया। मैं तब भारत ए की कप्तानी कर रहा था। रन बना रहा था। मुंबई में जोनल टी20 क्रिकेट खेल रहा था और दिल्ली ने तब मुझे वनडे टीम से बाहर कर दिया। मैं शिखर धवन और गौतम गंभीर के साथ खेल रहा था। चयनकर्ताओं ने मुझे कहा कि हम आपको किसी अन्य चीज के लिए तैयार कर रहे हैं और वो आपको दिल्ली टीम से बाहर कर बैठते हैं।’
आईपीएल का अनुबंध भी गया
इसके बाद चंद ने आईपीएल अनुबंध गंवाने के बारे में बताया। उन्होंने खुलासा किया कि वह मुंबई इंडियंस को छोड़ने की योजना बना रहे थे ताकि मैच खेलने का ज्यादा समय मिल सके। किसी ने उन्हें एमआई छोड़कर अपने पास आने की सलाह दी, लेकिन आईपीएल नीलामी में चंद को कोई खरीददार ही नहीं मिला।
उन्होंने कहा, ‘मुझे बाहर करने के बाद दोबारा दिल्ली ने मौका दिया क्योंकि वो लगातार तीन मैच हार चुकी थी। मुझे पांचवें और छठे मैच में खेलने का मौका मिला, जहां मैंने 75 और 80 रन बनाकर दोनों बार मैन ऑफ द मैच का खिताब जीता। अब मैंने ज्यादा मैच नहीं खेले थे। मैंने रन नहीं बनाए थे तो मुझे भारत ए में नहीं चुना गया। यह 2017 में पहला मौका था जब मैंने भारत ए का प्रतिनिधित्व नहीं किया। यही वो समय भी था जब मुझे आईपीएल से बाहर किया गया।’
मेरे कपड़े उतर गए: चंद
चंद ने आगे कहा, ‘यह मजेदार कहानी है। मैं मुंबई इंडियंस में था और उन्होंने मुझे रिटेन किया। वो बहुत बड़ी टीम थी और मुझे खेलने का मौका नहीं मिला। मैं ऐसी टीम में जाना चाहता था, जहां खेलने का मौका मिले। मैंने किसी से बात की और उसने कहा कि मुंबई इंडियंस छोड़कर उनके पास चला जाउं। मैं सिर्फ खेलना चाहता था और यहां पैसों की बात नहीं थी। मुझे अगर अपनी बेस प्राइस पर भी खरीदा जाता तो भी खेलना चाहता था।’
चंद ने कहा, ‘फिर नीलामी में मुझे किसी ने नहीं खरीदा। मेरे चेहरे पर अचानक दिखा कि अब आईपीएल और दिल्ली क्रिकेट नहीं। यह मेरे लिए बहुत बड़ा झटका था। मुझे ऐसा लगा कि किसी ने मेरे कपड़े उतार दिए हैं। मैं कुछ भी नहीं था। मैं तीन से चार दिन के बाद अभ्यास करने के लिए मैदान पर गया।’ 27 साल के चंद ने 2019 में दिल्ली राज्य टीम छोड़ी और उत्तराखंड से जुड़े। उन्हें टीम की कमान भी सौंपी गई। हालांकि, चंद को निरंतर खराब प्रदर्शन के कारण कप्तानी से हटाया गया।
उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने कई बार कहा है कि उन्मुक्त काफी मेहनत करते हैं।एक दिन उन्हें कामयाबी जरूर मिलेगी, उनके जैसा सकारात्मक खिलाड़ी काफी कम देखने को मिलते हैं।