देहरादून: दिसंबर में आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक होने के मामले में एसटीएफ ने शानदार काम करते हुए अबतक 19 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। अब उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा बीते सालों में आयोजित की गई परीक्षाएं भी संदेह के घेरे में आ रही हैं। वन आरक्षी, सचिवालय सुरक्षा रक्षक व कनिष्ठ सहायक (न्यायिक) भर्ती परीक्षा की जांच के निर्देश डीजीपी द्वारा दिए गए हैं।
बता दें कि 16 फरवरी 2018 को यूकेएसएसएससी द्वारा आयोजित वन आरक्षी परीक्षा सबसे चर्चित परीक्षाओं में रही थी। परीक्षा की दूसरी पाली समाप्त होने के एक घंटे बाद ब्लूटूथ से नकल करने का मामला सामने आया था। जिसके बाद तत्काल एक्शन लेते हुए पुलिस ने एसआइटी का गठन किया था। मामले में 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। आरोपितों में तब भी हाकम सिंह का नाम था, जो बाद में हटा दिया गया था।
हालांकि शिकायतकर्ता और आरोपितों के बीच समझौता होने के बाद पुलिस को फाइल बंद करनी पड़ी थी। अब पांच दिसंबर 2021 को स्नातक स्तर की परीक्षा में गड़बड़ी पाई गई तो मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर डीजीपी अशोक कुमार ने एसटीएफ को जांच सौंपी थी। प्रकरण में एसटीएफ द्वारा अब तक मुख्य आरोपी उत्तरकाशी के जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत सहित 19 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
इस मामले में एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने जानकारी भी दी कि आरोपियों ने पूछताछ में हल प्रश्नपत्र देने के एवज में अभ्यर्थियों से 12-15 लाख रुपए लेने का खुलासा किया है। बता दें कि एसटीएफ की सफलता और यूकेएसएसएससी की गड़बड़ी के उपरांत डीजीपी अशोक कुमार ने तीन और भर्ती परीक्षाओं की जांच के निर्देश दिए हैं। जिनमें 1580 रिक्त पदों के लिए एक लाख 61 हजार 646 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी।