देहरादन: पिछले दिनों रानीखेत की रेखा पांडे वायरल हुई थी। उन्होंने परिवार की खातिर कार ड्राइवर बनने का फैसला किया था। ऐसा करने वाली वह पहली महिला चालक बन गई थी। उन्होंने जो रास्ता दिखाया था उस पर उत्तराखंड की कई महिलाओं ने चलने का फैसला किया है।
उत्तराखंड के बागेश्वर की रहने वाली ममता जोशी ने परिवार के खातिर टैक्सी ड्राइवर बनने का फैसला किया है। उन्होंने बता दिया कि महिलाएं अगर कुछ करने का फैसला कर ले तो वह उस मुकाम तक पहुंच सकती हैं। वहीं परिवार के खातिर वह कुछ भी कर गुजरने को तैयार है। ममता जोशी की कहानी भी रेखा पांडे की तरह है। पति की तबीयत खराब होने की वजह से उन्होंने घर की जिम्मेदारी को उठाने का फैसला किया।
जानकारी के मुताबिक जैन करास निवासी 32 वर्षीय सुरेश जोशी अल्मोड़ा में दुकान चलाते थे। उन्होंने घर की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए टैक्सी का काम शुरू किया। उन्होंने बैंक से ऋण लेकर टैक्सी खरीद ली थी लेकिन वह बीमार पड़ गए। बैंक की किश्त, घर का खर्च और दवाइयों के लिए पैसा जोड़ने के लिए उनकी पत्नी ममता जोशी ने व्यापार को चलाने का फैसला किया। ममता ने गाड़ी चलाना सीखा। उनकी तीन वर्ष की एक बेटी भी है। वह गाड़ी चलाकर जो पैसे कमाती हैं उससे पति का इलाज भी करा रही है। उन्होंने बताया कि 2019 में उनका विवाह हुआ। उनका अल्मोड़ा जिले के लमगड़ा गांव में मायका है। वह 12वीं तक ही पढ़ी हैं। लेकिन उनका जज्बा कम नहीं है।
जानकारी के मुताबिक, पिछले माह से अल्मोड़ा- बागेश्वर और जैन-करास तक टैक्सी चला रही हैं। उनके कुशल व्यवहार से उन्हें यात्री भी मिलने लगे हैं। उनके इस कदम से अन्य महिलाओं को भी प्रेरणा मिलेगी और वह अपने पैरों पर खड़ी होगी।