Roshni Grah Udhyog: Uttarakhand self-employment Motivation: Haldwani Success Story:
उत्तराखंड में प्रतिभा, नई सोच और इनोवेटिव माइंड्स की कोई कमी नहीं है। फिर चाहे आप उद्योग की बात कर लीजिए, शिक्षा की बात कर लीजिए, पर्यटन की बात कर लीजिए या फिर स्वरोजगार व स्टार्टअप्स की। उत्तराखंड में शुरू किए जा रहे हैं स्वरोजगार पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना रहे हैं।
क्या आपको पता है कि इनकी सफलता के पीछे का कारण क्या है? इनका कारण है नेक सोच और शानदार आइडिया। स्वरोजगार की दिशा में एक ऐसा ही कदम रोशनी गृह उद्योग ने बढ़ाया है, जिसे 3 दिव्यांग बच्चों से प्रेरित होकर उनके अभिभावकों ने शुरू किया है।
पहाड़ी पिसी नमक, मसाले, अचार, पापड़ और बड़ी तैयार करने वाले ‘रोशनी गृह उद्योग’ को हर किसी से सराहना और समर्थन प्राप्त हो रहा है। आपको बता दें कि रोशनी गृह उद्योग कई दिव्यांग बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों को भी इस शानदार पहल से जोड़कर उन्हें भी रोजगार और आय का माध्यम उपलब्ध करा रहा है। पहाड़ी पिसी लूण के साथ-साथ रोशनी गृह उद्योग में अचार, पापड़, बड़ी एवं 10 प्रकार के पहाड़ी स्वाद से भरपूर अन्य 10 मसाले भी तैयार किए जाते हैं। (Proud parents and children, Uttarakhand Startup)
चुनौतियों के आगे नहीं मानी हार
बस एक IDEA से शुरू हुआ स्वरोजगार, पूरी दुनिया में उत्तराखंड का पारंपरिक स्वाद पहुंचाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। हल्द्वानी लाइव से खास बातचीत में रोशनी सोसाइटी की उपाध्यक्षा हेमा परगाई ने बताया कि वो जल्द ही इन उत्पादों को Amazon जैसी E-Commerce वेबसाइट पर भी बेचने जा रहे हैं। अगर बात करें चुनौतियों की तो एक आम नागरिक की तरह रोशनी गृह उद्योग को भी शुरुआत में कई बुनियादी जानकारी प्राप्त करने और अपने उत्पादों व उसके बाजार को सुनिश्चित करने में समय लगा। लेकिन हेमा परगाई बताती हैं कि RBI यानी रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर ने उनकी काफी मदद की। RBI से मिली मदद के बाद शिवानी पाल, हेमा परगाई और गोविंद मेहरा द्वारा शुरू किए गए रोशनी गृह उद्योग से कई लोग जुड़े जिन्हें रोजगार भी मिला। दिव्यांग बच्चों को बिजनेस के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें भी उत्पादों की लेबलिंग का काम सिखाया जाता है। रोशनी गृह उद्योग अपनी कमाई का कुछ प्रतिशत दिव्यांग बच्चों के जीवन सुधार के लिए भी खर्च करता है। (Uttarakhand Self-Employment challenge and Solutions)
उत्तराखंड के पारंपरिक स्वाद को जन-जन तक पहुंचाने का उद्देश्य
रोशनी गृह उद्योग गुणवत्तापूर्ण, शुद्ध और उत्तराखंड के पारंपरिक उत्पाद तैयार करने के लिए पिथौरागढ़, बागेश्वर, नैनीताल जैसी जगहों से सामग्री मंगवाते हैं। इस उद्योग की खास बात यह है कि आज के व्यस्थ समय में जहां उत्तराखंड के ही कई लोग अपनी बोली, पहनावे और भोजन से दूर होते जा रहे हैं, वहां रोशनी गृह उद्योग उन सभी का काम आसान करते हुए उन्हें उत्तराखंड के जायकों से जोड़े रखने का काम कर रहा है। इसके लिए उन्होंने आने वाले समय में मसालों से बढ़कर भी कई विकल्पों के बारे में सोचा है जो पहाड़ी स्वाद को नई ऊंचाई के साथ-साथ वैश्विक पहचान दिलाने में भी अपना योगदान सुनिश्चित करेंगे। (Uttarakhand Traditional Taste & food)

