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उत्तराखंड में गरीबों का राशन खाने वाले पकड़े जाएंगे, वार्षिक आय प्रमाणपत्र भी देना होगा

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Uttarakhand: Ration Card:उत्तराखंड के कई जिलों में सामने आए राशन कार्ड फर्जीवाड़े के मामलों के बाद जिला पूर्ति विभाग ने सख्त रुख अपना लिया है। विभाग ने अब राशन कार्ड बनवाने के लिए नए और कड़े नियम लागू कर दिए हैं। इन नियमों के तहत अब हर आवेदनकर्ता को अपने परिवार की वार्षिक आय का प्रमाणपत्र देना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही, परिवार के प्रत्येक सदस्य के बैंक खाते की पिछले छह महीने की स्टेटमेंट भी जमा करनी होगी। अगर जांच में पाया गया कि परिवार की आमदनी तय सीमा से अधिक है, तो ऐसे लोगों को राशन कार्ड से वंचित कर दिया जाएगा।

जिला पूर्ति अधिकारी (DSO) के.के. अग्रवाल ने बताया कि हाल ही में की गई जांच में 3,323 राशन कार्ड फर्जी पाए गए, जिनके आधार पर लोग गलत तरीके से सरकारी योजना का लाभ ले रहे थे। इस खुलासे के बाद विभाग ने राशन कार्ड जारी करने की प्रक्रिया को और कड़ा कर दिया है। अब नए कार्ड के लिए आवेदन करने वालों को सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ-साथ अपनी आर्थिक स्थिति का भी प्रमाण देना होगा।

इसके अलावा, क्षेत्रीय पूर्ति निरीक्षक भी अब अपनी स्तर पर गुप्त रूप से परिवार की स्थिति की जानकारी जुटाएंगे। दस्तावेजों के सत्यापन के साथ-साथ परिवार की माली हालत की भी बारीकी से जांच की जाएगी। अगर किसी भी तरह का संदेह होता है कि जानकारी छुपाई गई है या लाभ गलत तरीके से लिया जा रहा है, तो उस परिवार को राशन कार्ड देने से मना कर दिया जाएगा।

इस सख्ती का मकसद यह है कि सरकारी योजनाओं का लाभ सिर्फ उन्हीं जरूरतमंद लोगों को मिले, जो वास्तव में इसके हकदार हैं, और फर्जीवाड़ा करने वालों पर पूरी तरह से रोक लग सके।

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