देहरादून: बच्चों को लोक संस्कृति से जोड़ने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार भी एक नई पहल के लिए रास्ता तैयार कर रही है। उत्तराखंड में कक्षा पांच तक की पढ़ाई स्थानीय भाषाओं में कराने की तैयारी शुरू हो गई है।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के मुताबिक कुमाऊंनी व गढ़वाली भाषा को प्रचलित रखने के लिए पहले से ही इन भाषाओं की पढ़ाई कराई जा रही है। अब इसी तरह अन्य स्थानीय भाषाओं को जोड़ने के रास्ते तलाशे जा रहे हैं। इसके लिए अधिकारियों को प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
दरअसल उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय बुधवार को ‘हमारा प्रयास, हो शिक्षा का विकास’ संवाद कार्यक्रम में वर्चुअली मौजूद रहे। ननूरखेड़ा स्थित वर्चुअल क्लास के केंद्रीय स्टूडियो के माध्यम से शिक्षा मंत्री ने प्रदेश के शिक्षकों, अभिभावकों और जनप्रतिनिधियों से बातचीत की।
इस दौरान शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों में आज से शुरू हुए प्रवेश उत्सव का उद्घाटन किया। नई शिक्षा नीति के बारे में शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य में पहली से पांचवी तक की पढ़ाई गढ़वाली-कुमांऊनी समेत स्थानीय भाषाओं में करवाने की तैयारी की जा रही है।
बताया कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। जिसके तहत उन्हें इस पहल को लेकर संभावनाएं तलाशनी है। साथ ही प्रस्ताव तैयार करना है। इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने अपने क्षेत्र के स्कूलों की समस्या भी बताई।
शिक्षा मंत्री ने कार्यक्रम में मौजूद विधायक, पंचायत प्रतिनिधि समेत अन्य जनप्रतिनिधियों से अटल उत्कृष्ट विद्यालय और अन्य राजकीय विद्यालयों में छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास करने की अपील की।