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हमले से कुछ देर पहले शहीद ने फोन पर पूछा, मेरा बेटा रोता तो नहीं है ना…अधूरा रह गया सपना


नई दिल्ली: पुलवामा में गुरुवार को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को रुला दिया। देश के हर शहर में बदले की मांग उठ रही है। इस हमले में सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गए हैं। पूरा देश नम आंखों से शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहा है, वहीं शहीदों के परिजनों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे है। शहीदों में CRPF के हेड कांस्‍टेबल सुखजिंदर सिंह का भी नाम है। आतंकी हमले से कुछ घंटे पहले ही उन्‍होंने घर पर फोन के जरिए बात की थी।

सुखजिंदर का 7 महीने का छोटा बेटा भी है। वह मासूम अभी अपने पिता के दुलार को ठीक से आंखों में संजो भी नहीं पाया था कि उसके सिर से पिता का साया उठ गया। शहीद सुखजिंदर सिंह के घर पर खबर के सामने आने के बाद कोहराम मच गया है। वो अपने अपने पीछेमाता-पिता, एक भाई और पत्‍नी के साथ ही 7 महीने छोटा बेटा छोड़ गए हैं।

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सुखजिंदर पंजाब के अमृतसर स्‍थ‍ित गंडीविंड गांव के रहने वाले थे। उनके पिता गुरमेल सिंह को बेटे की शहादत की खबर गुरुवार शाम 6 बजे मिली और उसके बाद से घर पर मातम छाया हुआ है। सुखजिंदर की शादी 7 साल पहले हुई और 8 महीने पहले ही उन्हें पिता बनने का सुख प्राप्त हुआ था। हादसे के बाद शहीद सुखजिंदर सिंह की मां हरभजन कौर का रो-रोकर बुरा हाल है। सुखजिंदर सिंह सीआरपीएफ की 76वीं बटालियन का हिस्‍सा थे।

शहीद के भाई गुरजंट सिंह जंटा ने बताया कि सुखजिंदर सिंह 28 जनवरी को ही एक माह की छुट्टी के बाद ड्यूटी पर लौटे थे। ड्यूटी पर जाते वक्त उन्होंने 7 माह के बेटे गुरजोत सिंह को बार-बार चूमा। गुरुवार को सुबह साढ़े 10 बजे जब भाई का फोन आया तो वह सबकी खैरियत ले रहे थे। पूछ रहे थे कि उनका लाडला ज्‍यादा रोता तो नहीं है। उन्‍होंने फोन पर यह भी बताया कि जम्मू-कश्मीर में रास्ता बंद होने कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लेकिन अब रास्ता खुल चुका है।’ वह जल्‍द ही बेटे के लिए ढेर सारे खिलौने भेजेंगे। शहीद के भाई गुरजंट सिंह जंटा को शहादत की खबर सीआरपीएफ के हेडक्वार्टर से मिली। वह कहते हैं, ‘मां ने जब खबर सुनी तो बेसुध हो गई। लेकिन फिर कहा कि आज ही के दिन शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी की सजा सुनाई गई थी। मेरा बेटा भी देश के शहीदों की कतार में दिखाई दे रहा है। वह भी अमर हो गया।’

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