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उत्तराखंड: SDM हिमांशु कफल्टिया ने खुद के एक लाख रुपए खर्च खोली बच्चों के लिए लाइब्रेरी


चंपावत: राज्य में युवाओं को नई दिशा देने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सबसे ज्यादा जरूरी है कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को सुधारा जाए। युवाओं को शिक्षा का महत्व और किताबों के करीब लाया जाए…. ताकि वह ज्ञान हासिल कर सकें। युवाओं के लिए चंपावत जिले की पूर्णागिरी तहसील में एक पुस्तकालय खोला गया जो काफी सुर्खियों में हैं। यह पहल किसी और ने नहीं बल्कि टनकपुर के एसडीएम हिमांशु कफल्टिया ने शुरू की है। उन्होंने पिछले साल नवंबर में नागरिक पुस्तकालय का निर्माण कराया। पुस्तकालय में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए पुस्तकें उपलब्ध करवाई जा रही है।

खास बात यह कि एसडीएम हिमांशु ने खुद के एक लाख रुपए खर्च कर बच्चों के लिए किताबें दिल्ली से मंगवाई। इस मुहिम का फायदा ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिले, इसके लिए एसडीएम हिमांशु ने व्यापार मंडल और स्थानीय लोगों से सहयोग की अपील की है। इसके फलस्वरूप एक एनजीओ ने पुस्तकालय में फर्नीचर की व्यवस्था की। बता दें कि नैनीताल जिला निवासी एसडीएम हिमांशु कफलटिया उत्तराखंड प्रांतीय लोक सेवा आयोग के 2016 बैच के टॉपर हैं। उन्हें सिटीजन लाइब्रेरी और कम्युनिटी कारखाना मॉडल के लिए आईसीएफ ग्लोबल एक्सीलेंस अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है।

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मौजूदा वक्त में इस लाइब्रेरी में करीब 500 से ज्यादा किताबें है और 30 से ज्यादा छात्र-छात्राएं इसका फायदा उठा रहे हैं। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में संसाधन की कमी है। बच्चों को प्रतियोगिता की तैयारी करने के लिए बाहर के राज्यों पर निर्भर होना पड़ता है। जो बाहर नहीं जाते हैं उन्हें हल्द्वानी व देहरादून जाकर तैयारी करनी पड़ती है। घर से बाहर रहकर तैयारी करने में उन्हें काफी खर्चा करना पड़ता है और यह बच्चों में दवाब भी बनाता है।

इस पहल के बारे में जिसने भी सुना वह एसडीएम हिमांशु कफल्टिया को सलाम कर रहा है। लोगों का कहना है कि ऐसी सोच बच्चों को ऊर्जा से भर देती है। वह अपनी पढ़ाई के साथ साथ समाज को भी कुछ देने की तरफ भी सोचते हैं। एसडीएम ने उच्च स्तरीय किताबों की कमी को देखकर और बाहर के शहरों में उत्तराखंड के बच्चों के संर्घष को देखकर यह पुस्तकालय खोलने का विचार किया। बता दें कि इससे पहले सडीएम हिमांशु कफलटिया पंचायत के कार्य अधिकारी पद पर थे। उन्हें सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सराहनीय कार्यों के लिए प्रशस्ति पत्र देकर उनको सम्मानित भी किया था।

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