Tanmaya Tiwari Success: चंद्रयान-3 मिशन की कामयाबी ने भारत को नई पहचान दी है। पूरा विश्व भारत की कामयाबी पर ताली बजा रहा है। इसरो के वैज्ञानिकों को 140 करोड़देशवासी सलाम कर रहे हैं। 23 अगस्त के दिन चंद्रयान-3 चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरा। इस मिशन में कई वैज्ञानिक शामिल रहे और उसमें उत्तराखंड के युवाओं का नाम भी शामिल है।
उत्तराखंड निवासी कई वैज्ञानिक इस मिशन का हिस्सा रहे। उत्तराखंड की बेटी तन्मया तिवारी भी उन्ही वैज्ञानिकों में से एक हैं। तन्मया तिवारी चंद्रयान-3 मिशन का हिस्सा रहीं । तन्मया तिवारी मूल रूप से अल्मोड़ा जिले की रहने वाली हैं। हालांकि उनका परिवार काशीपुर में रहता है। उनके पिता सुरेश चन्द तिवारी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से मैनेजर पद से रिटायर्ड हैं। तन्मया तिवारी की प्रारंभिक शिक्षा काशीपुर के छावनी चिल्ड्रन्स एकेडमी से हुई थी। इसके बाद तन्मया रुद्रपुर के जेसीज पब्लिक स्कूल हाईस्कूल किया। वहीं इंटर उन्होंने कैंपस स्कूल पंतनगर से किया। स्कूली शिक्षा हासिल करने के बाद तन्मया ने पंतनगर यूनिवर्सिटी से बीटेक और मास्टर्स मुंबई से किया।
जानकारी के मुताबिक, तन्मया ने पेप्सिको इंडिया गुड़गांव में भी नौकरी की है। इसके बाद साल 2017 में तन्मया का चयन इसरो में हो गया था। तन्मया तिवारी इसरो के लॉचिंग पैड श्री हरिकोटा आंध्र प्रदेश में साल 2017 से अप्रैल 2023 तक तैनात रहीं थी। तन्मया का ट्रांसफर इसरो के हेड आफिस बैंगलोर सीनियर साइंटिस्ट इंजीनियर ग्रेट-2 के पद पर हो गया। साल 2020 में जौनपुर निवासी विवेकानन्द के साथ हुई थी। उनके पति अमेरिकन एक्सप्रेस में कार्यरत हैं। तन्मया व उनके परिवार को पूरा उत्तराखंड बधाई दे रहा है।