देहरादून: कई अधिकारी अपनी कार्यशैली से युवाओं को उदाहरण देते हैं। वह अपने पद का कभी गलत इस्तेमाल नहीं उठाते हैं। समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी से वह भागते नहीं है, इस बीच अगर उन्हें अपनी टीम से किसी को बर्खास्त करना होगा,उसमें वह देर नहीं करते हैं। ऊधमसिंह नगर में एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर ने पिछले एक हफ्ते में लापरावाही के चलते 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।
इससे साफ हो गया है कि उत्तराखंड पुलिस अपनी पहचान पर कोई सवाल नहीं उठने देना चाहती है। ऐसा ही कुछ टिहरी में भी हुआ है। एक पुलिसअधिकारी पर पीडित को धमकी देना का आरोप लगा तो एसएसपी तृप्ति भट्ट ने उन्हें निलंबित कर दिया। इससे पहले उन्होंने अनफिट पुलिसकर्मियों को भी चेतावनी दी थी।
खबर के अनुसार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तृप्ति भट्ट ने चंबा थानाध्यक्ष सुंदरम शर्मा को निलंबित कर दिया है। उनपर आरोप था कि उन्होंने पीडित पक्ष की शिकायत को नजरअंदाज किया और उन्हें थाना में बुलाकर धमकी थी। काणाताल में उद्यान विभाग के शोध केंद्र के कर्मचारी वीरेंद्र नेगी ने बताया कि मंगलवार को काणाताल पंपिंग योजना के ठेकेदार अनीश के आठ श्रमिक उनके शोध केंद्र में आए और लाइन खुदाई का कर रहे थे। इसकों लेकर उन्होंने अनुमति नहीं ली थी। ठेकेदार अनीश को जब रोका गया तो उन्होंने विरेंद्र नेगी, आशीष सेमवाल और राजेंद्र प्रसाद के साथ मारपीट की।
विरेंद्र सिंह नेगी ने मामले की सूचना थानाध्यक्ष सुंदरम शर्मा को फोन कर दी। थानाध्यक्ष मौके पर पहुंचे और पीडित पक्ष को डांटकर थाने पर पेश होने को कहा। फिर उन्होंने पीडितों को धमकी थी। इसके बाद बुधवार को चंबा ब्लॉक के ज्येष्ठ प्रमुख संजय मैठाणी, राजवीर सजवाण आदि पीड़ित पक्ष के साथ एसएसपी कार्यालय पहुंचे और सुंदरम शर्मा के खिलाफ नारेबाजी कर एसएसपी को ज्ञापन दिया। पीड़ित पक्ष को सुनने के बाद एसएसपी तृप्ति भट्ट ने बुधवार को चंबा थानाध्यक्ष सुदंरम शर्मा कर दिया है। निरीक्षक पंकज देवरानी को उनके स्थान पर थानाध्यक्ष नियुक्त किया है।