देहरादून: सूचना नहीं देना लोक सूचना अधिकारी को महंगा पड़ गया, अब विभाग ने लोक सूचना अधिकारी पर 10 हजार का जुर्माना लगाया है। मामला पेयजल निगम के देवप्रयाग कार्यालय का है जो कि जल जीवन मिशन से जुड़ा है। गांव में पानी के कनेक्शन देते वक्त एक व्यक्ति का घर छूट गया। इसके बाद व्यक्ति द्वारा आरटीआई के तहत सूचना मांगी गई जिसके बाद उसे सही सूचना नहीं दी गई। सूचना आयोग ने इसके बाद सुनवाई की तो कई अनिमियतताएं सामने आई और लोक सूचना अधिकारी पर जर्माना लगाया गया है।
जानकारी के अनुसार देवप्रयाग निवासी सुनील के घर में पानी का कनेक्शन नहीं पहुंचा। घर छूट जाने के बाद सुनील ने पेयजल निगम के देवप्रयाग कार्यालय में लोक सूचना अधिकारी से आरटीआई के तहत सूचना मांगी लेकिन गुमराह किया गया। सुनील द्वारा प्रथम अपील करने के बाद स्पष्ट सूचना देने के निर्देश भी दिए गए थे लेकिन निर्देश का पालन नहीं किया गया।
द्वितीय अपील में सूचना आयोग में 13 फरवरी और फिर 20 मार्च को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राज्य सूचना आयुक्त विपिन चंद्र के सामने जल जीवन मिशन योजना के तहत कई अनियमितताएं सामने आई। एजेंसी द्वारा कई घरों को छोड़ दिया गया था। बाद में 1200 घरों को पानी का कनेक्शन दिया गया।
ग्राम कार्ययोजना के तहत संस्था सोसाइटी फॉर मैनेजमेंट ‘ऑफ एनवायरमेंटल रिसोर्सेज टिहरी का कार्य भी संतोषजनक नहीं पाया गया। आयोग ने सूचना न देने के पीछे लोक सूचना अधिकारी की लापरवाही को कारण माना और 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। सूचना आयुक्त विपिन चंद्र ने लोक सूचना अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि इस प्रकार के अन्य मामलों को भी चिन्हित किया जाए और पानी का कनेक्शन दिया जाए।