हल्दूचौड़: उत्तराखंड राज्य के काफ़ी गाँव एवं एक हद तक कुछ शहर तो जंगली इलाकों के नज़दीक बसे हुए हैं और कुछ बसे हैं जंगली ज़मीनों पर। ऐसे में एक नज़ारा तो ऐसा है जो आए दिन गाँव या शहर वालों की आँखों से गुज़रता ही रहता है। यह नज़ारा है इलाकों में जंगली जानवरों की आवाजाही का। अमुमन शाम या देर रात के वक्त जंगली जानवर जैसे हाथियों का मोहल्ले में आना जाना एक गंभीर समस्या है। यह समस्या बड़ी इसलिए है क्योंकि जंगली हाथियों के आए दिन प्रवेश के कारणवश गाँववासियों के दिलों में एक दहशत धीरे धीरे घर कर रही है।
इसी प्रकार की एक घटना हल्द्वानी के नज़दीक बसे हल्दूचौड़ से सामने आ रही है। क्षेत्र में पिछले चार दिनों से ग्रामीणों के बीच काफ़ी दहशत का माहौल है। दरअसल बीते कुछ दिनों से रात में हाथियों के आबादी क्षेत्र में आने से माहौल ज़रा चिंता युक्त हो चला है। बृहस्पतिवार को क्षेत्र के आबादी वाले इलाके में दो हाथी घुस आए। दोनों हाथियों ने सोयाबीन फैक्ट्री एवं घनी आवासीय काॅलोनी गोपीनगर में खूब उधम मचाया। इतने में ही संतुष्ट ना हो कर, हाथियों ने फैक्ट्री के आवासीय परिसर की एक दीवार को भी क्षतिग्रस्त कर, नुकसान पहुंचाया। भयानक माहौल के चलते गाँव वाले सारी रात जागे रहे।
यह घटना है गुरूवार रात करीब नौ बजे की है। हुआ यूं कि रात के अंधेरे में दो हाथी तराई केंद्रीय वन विभाग के जंगलों से निकल कर राष्ट्रीय राजमार्ग व रेलवे ट्रैक पार कर गोपीपुरम आवासीय काॅलोनी, जो कि हल्दूचौड़ बाज़ार के निकट स्थित है, में जा पहुंचे। इसी बीच घरों मोहल्ले में टहल रहे लोगों अथवा घरों को लौट रहे गाॅंवजनों में हाथियों को देखने के उपरान्त भय के कारण भगदड़ मच गई। मामले की ज़्यादा जानकारी देते हुए गाॅंव की प्रधान रुकमणी नेगी ने बताया कि इस प्रकार की घटनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हैं। रुकमणी नेगी ने कहा कि ग्रामीणों ने लंबे समय से आस पास में सोलर फेंसिंग तथा खाई खोदने की इच्छा विधायक के समक्ष रखी हुई है। लेकिन मामले में कोई सुनवाई नहीं हो रही है। विधायक नवीन दुम्का ने आने वाले दिनों के अंदर मामले में पुख्ता कदम उठाने का भरोसा दिलाया है।