नई दिल्ली : खालिस्तान शब्द सुनते ही हर भारतीय के दिल को बहुत ठेस पहुंचती है और पहुंचे भी क्यों ना यह शब्द याद दिलाता है 1980 के ऐसे दिल दहला देने वाले दशक की जिसकी याद मात्र से आदमी थरथरा जाता है । उस डरावने दौर में 33000 से ज्यादा संख्या में सिख और हिन्दूओं की दिन दहाड़े हत्याएं कर दी गई । दरअसल खालिस्तान आंदोलन की शुरूआत एक स्वयंत्र , धार्मिक सिख राज्य बनाने के लिए हुई थी । खालिस्तान का अर्थ भी शुद्ध की भूमि बताया गया है मगर वहीं इसे पाने के रास्ते शुद्ध बिल्कुल नहीं थे । उन सड़को पर खून से सने लोगो की लाशे लावारिस सी पड़ी थी ।
खालिस्तान से जुड़ी एक और खबर ने सभी को अपनी और आकर्षित कर लिया है । ‘सिख फॉर जस्टिस’ नाम के एक संगठन ने भारत का खालिस्तानी नक्शा जारी किया है। इसमें न सिर्फ पंजाब बल्कि हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान, उत्तर प्रदेश के कई जिलों को खालिस्तान का हिस्सा दिखाया गया है। सिख फॉर जस्टिस अमेरिका का एक संगठन है जो भारत से पंजाब को अलग करके खालिस्तान बनाने की मांग का समर्थन करता है। खालिस्तान से जुड़े नामों में सबसे बड़ा नाम है गुरपतवंत सिंह पन्नू ,इस वक्त पर यह संगठऩ का मुख्या है । भारत में पंजाब स्वतंत्रता जनमत संग्रह अभियान शुरू होने के बाद ही सिख ऑफ जस्टिस को एक गैर- कानूनी संगठन मानते हुए 2019 में ही बैन कर दिया था । संगठन का मुखिया पन्नू भी उन लोगो में शामिल है जिन्हें केंन्द्र सरकार ने गैर – कानूनी गतिविधि अधिनियम के प्रावधानों के तहत आतंकवादी घोषित किया है ।
पंजाब पुलिस ने खालिस्तान संमर्थक प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस के संसथापक पन्नू और उसके साथीयों के खिलाफ पिछले साल देशद्रोह एवं अलगावाद के दो अलग- अलग मामले दर्ज किए थे। अमृतसर के पन्नू पर भारतीय संविधान एवं राष्ट्रीय ध्वज जलाने तथा दूसरों को भी ऐसा करने के लिए उकसाने के आरोप में ये मामले दर्ज कराए गए थे । इसमें कहा गया था कि वीडियो में पन्नू समूचे सिख समुदाय के लोगो को जनमत संग्रह 2020 के पक्ष में और भारतिय संविधान के खिलाफ उकसाता दिख रहा है ।
दावा किया जा रहा है कि भारत के इन राज्यों को काटकर खालिस्तान का निर्माण किया जाएगा इसमे राजस्थान के बुंदी और कोटा जिले शामिल है , उत्तरप्रदेश के सहारनपुर से लेकर सीतापुर तक कई जिलों को शामिल किया गया है । इस संगठन की ओर से जारी नक्शे में पीले रंग के हिस्सो को सिख राष्ट्र खालिस्तान बताया गया है । फिर से खालिस्तान से संबंधित खबरे सुर्खियों में होने से चिंता के भाव बड़ गए है । देश के पास इस वक्त पहले से ही हज़ारो समस्याएं हैं । कोरोना महामारी के घाव अभी भरे नहीं है । ऐसे में पन्नू और उसके संगठन की हरकत असहनीय है । जहां भगत सिंह की जन्मभूमि के नाम से जाने वाले अमृतसर से ऐसे आतंकवादी मानसिक्ता वाले लोगों के बारे में सुनते हैं तो हृदय में एक कड़वी टीस सी उठती है और मन दुखी होता है ।