Pithoragarh Tourism: Tharkot Lake: Manmade Lake in Uttarakhand:
उत्तराखंड सरकार ने देवभूमि में पर्यटन और पर्यटकों की सुविधा में वृद्धि के लिए कई योजनाओं को धरातल पर उतारा है। हर राज्य से प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने के लिए हर वर्ष यहाँ आने वाले पर्यटक यहाँ की सुंदरता में मंत्रमुग्द होकर बस यहीं के बनकर रह जाते हैं। जितने सुंदर देवभूमि के प्राकृतिक दृध्य हैं उतना ही विकसित और आधुनिक यहाँ के लोगों के सोचने का तरीका भी है। प्राकृतिक सुंदरता और देवों के निवास स्थान के रूप में पहचाने जाने वाले हमारे उत्तराखंड में भी मानव निर्मित प्रतिकृतियां भी पाई जाती हैं। जी हाँ हम आज बात करने वाले हैं पिथौरागढ़ की थरकोट झील की।
बता दें कि उत्तराखंड सरकार प्रदेशभर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई पर्यटन स्थल को विकसित करने में जुटी हुई है। पिथौरागढ़ की थरकोट झील के पर्यटन स्थल बनने में भी सरकार ने अहम् भूमिका निभाई है। पिथौरागढ़ में नया आकर्षण का केंद्र बन रही यही थरकोट झील पिथौरागढ़ शहर से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सिंचाई विभाग द्वारा बनाई गई यह झील दिखने में बिलकुल प्राकृतिक है। 15 मीटर गहरी इस झील में पर्यटक बोटिंग का भी आनंद ले रहे हैं। केवल पर्यटक ही नहीं इस झील की सुंदरता से अभिभूत होकर स्थानीय निवासी भी रोजाना यहाँ आकर शांत वातावरण में अपना समय बिता रहे हैं।
पर्यटकों की बारों मास की पसंद पिथौरागढ़ में इस झील का निर्माण कब हुआ और यह विचार किसके मन में आया? बता दें कि राज्य के पूर्व वित्त मंत्री एवं स्थानीय विधायक स्वगीर्य प्रकाश पंत का यह ड्रीम प्रोजेक्ट था। उन्होंने चुनावों के दौरान लोगों से न केवल इसके निर्माण का वादा कर वोट मांगे बल्कि वर्ष 2007 में तत्कालीन पर्यटन मंत्री प्रकाश पंत ने इसका शिलान्यास भी किया था। 2007 में शिलान्यास हो जाने के बाद 2018 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ और यह झील पूरी तरह से बनकर 2024 में तैयार हुई है। इस कृत्रिम झील का निर्माण 32 करोड़ की लागत से हुआ है, इस झील का 750 मीटर लम्बा, 53 मीटर चौड़ा और 15 मीटर गहरा होना इसकी विशेषता है। इतना ही नहीं झील के चारों ओर पर्यटकों के घूमने के लिए इंटर लाकिंग पैदल मार्ग बनाया गया है। जिसमें स्थानीय लोग सुबह शाम की सैर भी कर रहे हैं।