
UttarakhandNews : NainitalHighCourt : POCSOCase : IndianJudiciary : LegalUpdate : Nainital News : उत्तराखंड हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में 8 वर्षीय बच्ची से दुराचार के आरोप में निचली अदालत से आजीवन कारावास की सजा पा चुके 68 वर्षीय अमल बढोही को बरी करने के आदेश दिए हैं। न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने गवाहों के विरोधाभासी बयान, देरी से दर्ज रिपोर्ट और असंगत साक्ष्यों को देखते हुए यह फैसला सुनाया।
अमल बढोही, जो उधमसिंहनगर जिले के दिनेशपुर निवासी को पॉक्सो एक्ट के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। उन्होंने इस सजा को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
मामले के अनुसार एक वृद्ध महिला ने आरोप लगाया था कि अभियुक्त ने उसकी पुत्री और उसकी 8 वर्षीय नातिन के साथ दुराचार किया। इसके आधार पर अमल बढोही को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि ट्रायल के दौरान रिपोर्ट दर्ज कराने वाली बुजुर्ग महिला और अन्य गवाह अदालत में अपने बयान से पलट गए और आरोपों का समर्थन नहीं किया।
इसके बावजूद निचली अदालत ने पीड़िता के बयान और मेडिकल रिपोर्ट पर भरोसा करते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट में पेश की गई दलीलों में बताया गया कि घटना की रिपोर्ट 42 दिन बाद दर्ज की गई थी…और उससे भी कई दिन बाद 164 के अंतर्गत बयान लिये गए। गवाही के दौरान मुख्य गवाह आरोपों से पूरी तरह मुकर गए।
इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए हाई कोर्ट ने माना कि सजा को बरकरार रखने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं। अदालत ने अमल बढोही को निर्दोष घोषित करते हुए तत्काल बरी करने का आदेश दिया।






