हल्द्वानी: हल्द्वानी के वाशिंदों को गीले व सूखे कूड़े के साथ ही खतरनाक कूड़े को अलग-अलग देना होगा। नगर निगम स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 की तैयारी में जुटा चुका है। अब यह स्वच्छता के कानून को प्रभावी तौर पर लागू कराने जा रहा है। अगर इस नियम का पालन नहीं किया गया तो उत्तराखंड में कूड़ा फेंकने एवं थूकने पर प्रतिषेध अधिनियम 2016 के तहत पांच हजार रुपये तक का जुर्माना संभव है।
वहीं खतरनाक कूड़े की श्रेणी में घर में इस्तेमाल होने वाले सीएफएल, बैटरी, एलईडी बल्ब, टार्च सेल, ब्लेड आदि को रखा गया है। इस सभी से पृथक करते समय काम करने वालों को चोटिल होने का खतरा रहता है। खतरनाक कूड़े को परिसंकटमय भी कहते हैं।
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बता दें स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के लिए जनवरी पहले सप्ताह से शहर के चौराहों, मुख्य सड़कों, बस व रेलवे स्टेशन, रोटरी आदि स्थानों में स्वच्छता जागरूकता के लिए होर्डिंग, कियोस्क लगाने की तैयारी होनी है। इसके लिए अधिनियम का व्यापक प्रसार किया जाएगा। नगर निगम की सीमा से शुरू होने वाले प्रमुख मार्गों पर होर्डिंग लगाए जाएंगे।
स्वच्छ सर्वेक्षण में इस बार सिटीजन का अहम रोल है। वहीं स्वच्छ सर्वेक्षण में इस बार डायरेक्ट आब्जर्वेशन को हटाते हुए इसे पब्लिक फीडबैक से जोड़ा गया है। यानी सर्वे के लिए आने वाली टीमें आम लोगों से चर्चा कर उनके फीडबैक के आधार पर शहर की सफाई का आकलन करेंगी। इधर नगर आयुक्त सीएस मर्तोलिया का कहना है कि शहर का प्रदर्शन पिछली बार से बेहतर हो, इसके लिए शहरवासियों को जागरूक किया जा रहा है।
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