
Ashutosh Agnihotri IAS Success Story: यूपीएससी की दुनिया में ऐसा शायद ही कभी हुआ हो 277वीं रैंक पाने वाले एक उम्मीदवार ने अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर इतिहास रच दिया। यह कहानी है कानपुर के आशुतोष अग्निहोत्री की…जिन्होंने 1999 में अपनी असाधारण सूझ-बूझ और आत्मविश्वास से यूपीएससी रिजल्ट में बदलाव कर दिखाया।
आशुतोष अग्निहोत्री को इंडियन डिफेंस अकाउंट सर्विस में जगह मिली थी…लेकिन रिजल्ट में उनका वैकल्पिक विषय का स्कोर 176 अंक के बजाय केवल 70 अंक दिखा। उन्होंने समझा कि यह किसी क्लर्क की गलती थी। सामान्य परिस्थितियों में कोई भी उम्मीदवार इस पर सवाल उठाने से डरता…लेकिन आशुतोष ने सीधे यूपीएससी चेयरमैन को पत्र लिखकर अपने मामले की जांच की मांग की।
यूपीएससी ने तत्कालीन चेयरमैन लेफ्टिनेंट जनरल सुरेंद्र नाथ की देखरेख में जांच शुरू की। जांच में पुष्टि हुई कि अंक गलती से किसी अन्य उम्मीदवार के खाते में चले गए थे। इसके बाद 1 सितंबर 1999 को यूपीएससी ने ऐतिहासिक संशोधन की घोषणा की। आशुतोष अग्निहोत्री को 26वीं रैंक के साथ भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में स्थान दिया गया।
इस जीत ने न केवल उनके करियर को नया मोड़ दिया…बल्कि यूपीएससी जैसी शीर्ष चयन संस्था की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और न्याय की जीत भी साबित की। आज आशुतोष अग्निहोत्री भारतीय खाद्य निगम (FCI) और केंद्रीय भंडारण निगम (CWC) के चेयरमैन के रूप में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं।
यह कहानी बताती है कि आत्मविश्वास और सत्य की ताकत सबसे बड़े तंत्र को भी बदल सकती है।






