
देहरादून: उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPCL) अब राज्य की विद्युत वितरण प्रणाली को तकनीकी रूप से सशक्त और अधिक पारदर्शी बनाने की दिशा में तेज़ी से काम कर रहा है। उपभोक्ताओं को बिना रुकावट और उच्च गुणवत्ता की बिजली आपूर्ति देने के उद्देश्य से यूपीसीएल ने अपने बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं।
इस दिशा में एक बड़ा कदम ऋषिकेश शहर में भूमिगत केबलिंग प्रोजेक्ट की शुरुआत है। इस परियोजना के तहत गंगा तट और मुख्य बाजार क्षेत्रों में बिजली की लाइनों को भूमिगत किया जाएगा। इसका सीधा फायदा यह होगा कि बारिश तूफान या अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण बिजली कटौती की घटनाओं में कमी आएगी।
भूमिगत केबलिंग से सिर्फ बिजली व्यवस्था ही मजबूत नहीं होगी…बल्कि शहर का सौंदर्य भी निखरेगा। गंगा किनारे और व्यस्त बाजार क्षेत्रों में अब खुले तारों की जगह साफ-सुथरे फुटपाथ और सड़कों का दृश्य दिखेगा। यह बदलाव न केवल स्थानीय निवासियों…बल्कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के अनुभव को भी बेहतर बनाएगा।
इस परियोजना में SCADA (Supervisory Control and Data Acquisition) सिस्टम को भी शामिल किया गया है, जिसके जरिए विद्युत नेटवर्क की रियल टाइम निगरानी की जा सकेगी। किसी भी फॉल्ट की तुरंत पहचान कर उसे कम समय में ठीक करना संभव होगा। इससे उपभोक्ताओं को बिजली कटौती का सामना कम करना पड़ेगा और आपूर्ति अधिक भरोसेमंद बनेगी।
इस प्रोजेक्ट को भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय से हरी झंडी मिल चुकी है। यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल यादव ने बताया कि हाल ही में आयोजित 50वीं मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक में ऋषिकेश क्षेत्र (कुंभ क्षेत्र/गंगा कॉरिडोर) में विद्युत लाइनों को भूमिगत करने और देहरादून में स्काडा सिस्टम लागू करने की स्वीकृति दी गई है।






