नैनीताल: रामनगर के नेत्र संस्थान में आंखों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने वाले तीन मरीजों की आंखों में दो दिन बाद ही दिक्कतें होने लगी। आंखों में सूजन के साथ साथ पस भी आने लगा। बाद में आंखों की रोशनी चली गई। जिसके बाद अब जिला उपभोक्ता आयोग ने नेत्र संस्थान को इसका जिम्मेदार माना है और संस्थान से पीड़ितों को तीन-तीन लाख रुपए मुआवजा देने की बात कही है।
पूरा मामला अब से करीब पांच साल पहले यानी 13 अक्टूबर 2017 का है। उस दौरान रामनगर के सेवानिवृत सैनिक, अब दिवंगत रमेश जोशी, पूरन सिंह व शाहिदा खातून ने अपनी आंख के मोतियाबिंद का आपरेशन वेणू नेत्र संस्थान रामनगर, जिला नैनीताल में कराया था। लेकिन ऑपरेशन सफल नहीं रहा। दो दिन के उपरांत ही मरीजों की आंख सूजने लगी और उनमें पस पड़ गया। इलाज किया मगर आंखों की रोशनी खत्म हो गई।
इस मामले में अब जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष रमेश कुमार जायसवाल, सदस्य विजयलक्ष्मी थापा व लक्ष्मण सिंह रावत ने वेणू नेत्र संस्थान के प्रबंधकों को आदेशित किया है कि वे तीनों पीडि़तों को तीन-तीन लाख रूपए मुआवजा अदा करें। आयोग की ओर से 45 दिन का समय दिया गया है। आयोग ने जांच में पाया है कि पीड़ितों को होने वाली परेशानी भले ही डॉक्टर की गलती ना हो मगर ये ऑपरेशन थिएटर में हुई लापरवाही का ही नतीजा था।
इसे आयोग ने नेत्र संस्थान की जिम्मेदारी मानते हुए मुआवजा देने के आदेश दिए हैं। आयोग ने ये भी कहा है कि निर्धारित समय में मुआवजा राशि नहीं देने की दिशा में पीड़ितों द्वारा संस्थान के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी। आदेशों का पालन ना करने पर संस्थान पर पेनाल्टी लगेगी व दंड भी मिलेगा। आयोग सदस्य विजयलक्ष्मी ने जानकारी दी कि पीड़ित स्व. पूर्व सैनिक रमेश जोशी का मुआवजा उनके पुत्र को देना होगा।