हलद्वानी : उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के बीच रिश्ते और मजबूत होने जा रहे हैं । उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के बीच बुधवार को ऐतहासिक परिवहन समझौता हुआ ।17 साल बाद हुए इस करार पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में दोनों प्रदेशों के परिवहन मंत्रियों ने हस्ताक्षर किए ।
इस अवसर बोलते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा की 17 साल बीत गए लेकिन इस करार के न होने से सुचनाओं का आदान प्रदान नही हो पा रहा था । इससे तमाम दिक्कतें सामने आ रही थी । ऐसे में आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है । यह भाजपा की कार्य संस्कृति है ,जो हम विवादों को लटकाने के नहीं ब्लकि खत्म करने की दिशा में कार्य करते हैं । यह समझौता इसका एक बड़ा उदाहरण है । इस समझौते से अब दोनों राज्यों की परिवहन सेवाओं को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी । इस समझौते से सभी यात्रियों को और सुविधाएं मिलेंगी । इस मौके पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मोर्य , उत्तराखण्ड के परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ,परिवहन मंत्री उत्तरप्रदेश स्वतंत्र देव सिंह आदि मौजूद रहे ।
करार के बाद हर महीने उत्तर प्रदेश परिवहन की ओर से उत्तराखण्ड में 216 मार्गों पर लगभग 1.40 करोड़ किलोमीटर तक बसों का संचालन किया जा सकेगा । जबकि उत्तराखण्ड परिवहन की बसें उत्तर प्रदेश के 335 मार्गों पर लगभग 2.50 लाख किलोमीटर चलेंगी ।
उत्तर प्रदेश बस सेवा से बद्रीनाथ को अमरनाथ से जोड़ने का भी समझौता हुआ है । उत्तर प्रदेश की बसें उत्तराखण्ड में बद्रीनाथ तक व राज्य के शहरों से अमरनाथ तक की सुविधा देंगी । परिवहन करार के समय दोनों मुख्यमंत्रीयों के बीच हरिद्वार में पर्यटन भवन बनाने पर भी सहमति बनी ।