देहरादून: उत्तराखंड की राजनीति में उतार-चढ़ाव का सिलसिला कभी भी नहीं थमता। इस बार भारतीय जनता पार्टी ने दोबारा से अपनी सरकार बना ली है। इसके साथ ही भाजपा ने यह मिथक भी तोड़ दिया है उत्तराखंड में कभी सरकार रिपीट नहीं हो सकती। हालांकि 47 सीटें लाने के बाद भी भाजपा को सरकार के लिए नया मुख्यमंत्री खोजना है। पुष्कर सिंह धामी के चुनाव हारने के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत के नाम की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है।
बता दें कि पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री रहते हुए खटीमा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भुवन चंद्र कापड़ी ने पुष्कर सिंह धामी को हरा दिया। अब माना जा रहा है कि पुष्कर सिंह धामी कभी भी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं। लेकिन ऐसे में पार्टी हाईकमान के सामने नया मुख्यमंत्री खोजने की चुनौती बन गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तराखंड की जनता और एक्सपर्ट्स का एक धड़ा यह मानता है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। एक्सपर्ट्स का मानना है कि भाजपा के पिछले कार्यकाल में त्रिवेंद्र सिंह रावत सबसे ज्यादा समय तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे थे। मुख्यमंत्री रहते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कई सारे ऐतिहासिक फैसले भी लिए। जिसकी वजह से भारतीय जनता पार्टी को प्रदेश भर में 43 सीटें लाने में कामयाबी हासिल हुई है। ऐसे में भाजपा उन्हें मुख्यमंत्री बना सकती है।
अब सवाल यह उठता है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री बनेंगे तो वह किस सीट से चुनाव लड़ेंगे। तो आपको बता दें कि डोईवाला से विधायक बने ब्रज भूषण गैरोला ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर पार्टी त्रिवेंद्र सिंह रावत को सीएम बनाती है तो मैं अपनी कुर्सी खाली कर दूंगा। देखना दिलचस्प होगा कि क्या त्रिवेंद्र सिंह रावत दोबारा से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनते हैं या नहीं। या फिर भाजपा किसी और चेहरे पर दांव खेलती है।