देहरादून: इस वक्त कोरोना महामारी के कहर से वैसे ही आमजन जूझ रहा है। इधर कुछ लोग बाज नहीं आ रहे हैं। खासकर सस्ता गल्ला विक्रेताओं की खैर खबर शक के घेरों में आ रही है। पूर्ति विभाग लगातार चेकिंग कर अनियमितता पकड़ रहा है। इस बार दो सस्ता गल्ला विक्रेताओं की जमानत जब्त कर दी गई है जबकि एक का चालान और छह दुकानदारों को नोटिस जारी किए गए हैं।
प्रदेश के शहरी इलाकों की अपेक्षा दूरस्थ इलाकों और खासकर ग्रामीण इलाकों में बड़ी ही दिक्कतें आ रही है। पहले ही महामारी के कारण रोजी रोटी का सवाल सर पर खड़ा है। ऊपर से सरकारी राशन, जो कि एकमात्र रास्ता बचता है अपना पेट भरने के लिए। वहां भी गड़बड़ी सामने आ रही है। पहाड़ी क्षेत्रों में सरकारी राशन की दुकानें दूर होने के बावजूद ग्रामीण वहां पहुंचते हैं। लेकिन कई बार अनियमितताओं के कारण उन्हें निराश होकर लौटना पड़ता है।
मगर इस महामारी के काल में पूर्ति विभाग कोई लापरवाही बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। यही वजह है कि छोटी से छोटी गड़बड़ी के लिए भी विक्रेताओं को पकड़ा जा रहा है। मंगलवार को भी जिला पूर्ति विभाग की टीम ने ओवररेटिंग व कालाबाजारी को रोकने के लिए कंडोलिया, कोटद्वार रोड, अपर चोपड़ा, बस अड्डा, सर्किट हाउस व छतरीधार सहित विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की।
जिला पूर्ति अधिकारी केएस कोहली ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि छतरीधार व कोटद्वार रोड पर एक-एक सस्ता-गल्ला विक्रेताओं की जमानत जब्त कर दी गई। ऐसा इसलिए क्योंकि इनके द्वारा बिना कार्ड धारक को राशन वितरित किए जाने, दुकान में सरकारी राशन के अलावा सामान रखे जाने सहित कई अनियमितताएं पाई गई थी।
इसके अलावा पूर्ति अधिकारी ने बताया कि राज्य खाद्य आयोग द्वारा जारी बोर्ड नहीं लगाए जाने, रेट लिस्ट चस्पा नहीं किए जाने सहित अन्य अनियमितता के चलते एक दुकानदार का चालान भी किया गया है। इसके साथ ही छह अन्य दुकानों में रेट लिस्ट चस्पा नहीं मिलने पर सभी को नोटिस जारी किया गया है।