हल्द्वानी: शासन द्वारा लिए गए एक फैसले ने पूरे राज्य का ध्यान अपनी ओर किया है। कार्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग में अवैध निर्माण और पाखरो में टाइगर सफारी के लिए पेड़ों के अवैध कटान मामले में दो आइएफएस अधिकारियों को निलंबित किया गया है। इस लिस्ट में जेएस सुहाग और कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग के तत्कालीन डीएफओ किशन चंद शामिल हैं।
इसके अलावा सीटीआर के निदेशक राहुल को वन विभाग के मुखिया के कार्यालय से अटैच किया गया है। एक बार फिर धामी सरकार ने इन फैसलों से भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टालरेंस की नीति का परिचय दिया है। वहीं इस फैसले के बाद नौकरशाही में हड़कंप मच गया है। निलंबन को लेकर किए गए फैसले की पुष्टि प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु द्वारा की गई।
आपकों को बता दें कि कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग के अंतर्गत पाखरो में टाइगर सफारी के निर्माण के लिए पूर्व में स्वीकृति से अधिक पेड़ काट दिए गए। इसके अलावा इस क्षेत्र में सड़क, मोरघट्टी व पाखरो वन विश्राम गृह परिसर में भवन के अलावा जलाशय का निर्माण भी कराया गया। चौकाने वाली बात ये थी कि इतने बड़े कार्य के लिए वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति तक नहीं ली गई। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा निरीक्षण के दौरान ये मामला प्रकाश में आया था।