
हल्द्वानी: लालकुआं बिंदुखत्ता के इंदिरा नगर द्वितीय निवासी छात्र उदय पांडे ने अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल में कक्षा 9 में प्रवेश प्राप्त किया है। उदय बचपन से ही पढ़ाई में मेधावी रहे हैं और अब उन्हें राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल बेंगलुरु में दाखिला मिला है। वे अब तक नैनी वैली सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र रहे हैं।
उदय पांडे के पिता दिनेश चंद्र पांडे और माता हेमा पांडे हैं। बेटे की इस उपलब्धि पर पूरे परिवार और क्षेत्र में खुशी का माहौल है। स्थानीय गणमान्य लोगों और विद्यालय परिवार ने उदय को शुभकामनाएँ देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल बेंगलुरु का इतिहास
राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल (Rashtriya Military School) देश की उन प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थाओं में से एक है, जो भारतीय सेना के भविष्य के अधिकारियों और अनुशासित नागरिकों को तैयार करने के उद्देश्य से स्थापित किए गए।
स्थापना वर्ष: इस विद्यालय की स्थापना वर्ष 1946 में हुई थी।
पुराना नाम: पहले इसे किंग जॉर्ज VI रॉयल इंडियन मिलिट्री कॉलेज के नाम से जाना जाता था।
परिवर्तन: बाद में इसका नाम बदलकर मिलिट्री स्कूल किया गया और स्वतंत्रता के बाद इसे राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल का दर्जा मिला।
विशेषता: यह विद्यालय भारतीय सेना के अनुशासन, मूल्य और परंपराओं को विद्यार्थियों में विकसित करने के लिए जाना जाता है। यहाँ शिक्षा के साथ-साथ खेल, नेतृत्व क्षमता और चरित्र निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
पूर्व छात्र: इस संस्थान से निकले कई छात्र भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना में उच्च पदों पर सेवारत रह चुके हैं।
उदय पांडे का राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल बेंगलुरु में चयन न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गर्व की बात है। यह विद्यालय देशभक्ति, अनुशासन और श्रेष्ठ शिक्षा का संगम है, और यहाँ प्रवेश मिलना किसी भी छात्र के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।






