रुद्रपुर: कोरोना ने सबसे ज़्यादा चोट नौकरीपेशा लोगों को पहुंचाई है। कोरोनाकाल कई युवाओं की नौकरी निगल गया। इधर पंतनगर सिडकुल फैक्ट्री से एक कर्मचारी को निकाला गया तो वह फैक्ट्री के गेट पर जाकर आत्महत्या की कोशिश करने लगा। फिर जैसे तैसे पुलिस ने उसे रोका और हिरासत में लिया। फिलहाल युवक ने अपनी आपबीती पुलिस को सुना दी है। पुलिस का कहना है कि जांच की जाएगी।
बागेश्वर जिले के चरना गांव का निवासी भगवंत कुमार पिछले सात साल से सिडकुल के सेक्टर नौ स्थित रॉकेट कंपनी में सहायक स्टोर कीपर के तौर पर काम कर रहा है। वह अपने परिवार के साथ रुद्रपुर स्थित वसुंधरा फुलसुंगा कॉलोनी में किराए के मकान में रहता है।
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भगवंत कुमार ने बताया कि कंपनी प्रबंधन ने पिछले साल कर्मचारियों को हटाना शुरू कर दिया। मार्च 2020 में 35 कर्मचारी काम से निकाल दिए गए। जानकारी के अनुसार कंपनी ने इन कर्मचारियों से जबरदस्ती इस्तीफा दिलवाया। इसके बाद भगवंत पर भी दबाव बढ़ने लगा।
भगवंत नौकरी नहीं छोड़ना चाहता था, इसलिए उसने लाख कोशिशें की। मगर प्रबंधन ने झूठी रिपोर्ट बनाकर एक जाल बनाया और उसमें फंसा कर भगवंत को सस्पेंड करवा दिया। इतना ही नहीं कंपनी ने उसकी सैलरी भी काट ली। बीते शनिवार को भगवंत के हाथों में फैक्ट्री प्रबंधन ने सस्पेंशन नोटिस पकड़ा दिया।
नौकरी जाने से परेशान भगवंत के पास कोई और रास्ता नहीं बचा तो उसने आत्महत्या करने की कोशिश की। वह कंपनी के गेट पर पेट्रोल की कैन लेकर पहुंच गया और अपने उपर पेट्रोल छिड़कने लगा। गनीमत रही कि मौके पर पुलिस ने आ कर आग नहीं लगाने दी। पुलिस युवक को अपने साथ थाने लाई। जहां उससे पड़ताल की गई। इसके बाद कंपनी प्रबंधन से भी जानकारी ली गई। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।
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