देहरादून: यूकेएसएसएससी की परीक्षाओं में नकल के मामले की जांच जारी है। इस बीच आयोग ने बड़ा फैसला लिया है। शुक्रवार को आयोग ने फैसला लिया है कि स्नातक स्तरीय परीक्षा, वन दरोगा और सचिव सचिवालय रक्षक की परीक्षा दोबारा कराई जाएगी। इसके अलावा कनिष्ठ सहायक, व्यक्तिगत सहायक, पुलिस रैंकर उपनिरीक्षक, वाहन चालक, कर्मशाला अनुदेशक, मत्स्य निरीक्षक और मुख्य आरक्षी दूरसंचार भर्ती पर निर्णय लेने के लिए विधिक राय मांगी है।
आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने कहा कि जिन परीक्षाओं को रद्द किया गया है उनमें केवल उन्हीं अभ्यर्थियों को बैठने की अनुमति होगी जिन्होंने पूर्व में परीक्षा दी हो। उन्हें केवल एडमिट कार्ड जारी कर परीक्षा देने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। जिन का नाम नकल में सामने आया है उन्हें परीक्षा में बैठने नहीं दिया जाएगा।
बात दें कि, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी का मामला इस वर्ष जुलाई-अगस्त महीने में सामने आया। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आयोग की परीक्षाओं की जांच एसटीएफ को सौंपी। एसटीएफ ने 41 आरोपितों को प्रदेश व प्रदेश के बाहर से गिरफ्तार किया। इसी दौरान आयोग की ओर से आयोजित की गई आठ अन्य परीक्षाओं पर भी धांधली के आरोप लगने लगे।
आयोग ने इन आठ परीक्षाओं की जांच के लिए तीन सदस्यों की एक कमेटी बनाई। जिसमें पूर्व आइएएस एसएस रावत को कमेटी का अध्यक्ष और दो सदस्य सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के एडवोकेट जनरल बीके माहेश्वरी व आइटीडीए के विशेषज्ञ संजय माथुर शामिल किए। कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट बीते मंगलवार को आयोग को सौंपी।