देहरादून: भारतीय सेना (Indian army) का गौरव बढ़ाने में देवभूमि का भी बड़ा हाथ रहा है। यहां के बड़े शहरों से लेकर छोटे कस्बों से युवा देश प्रेम का जज्बा लिए सरहदों पर जाते हैं। देश की रक्षा करने का यह जज्बा सिर्फ एक पीढ़ी नहीं बल्कि दो-तीन-चार पीढ़ियों से दिखता आ रहा है। उत्तराखंड में इस तरह के कई सारे उदाहरण हैं।
इस बार देहरादून निवासी उमंग गुसाईं सेना में लेफ्टिनेंट (Umang Gusain lieutenant Indian army) बन गए हैं। बता दें कि उनके पिता, दादा व नाना भी सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। दरअसल मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल से ताल्लुक रखने वाले उमंग गुसाईं बीते दिनों आइएमए से पास आउट होकर सेना में शामिल हो गए हैं। वह वर्तमान में देहरादून के बद्रीपुर में रहते हैं।
सेना में लेफ्टिनेंट बने उमंग गुसाईं का परिवार हमेशा से देश सेवा से जुड़ा रहा है। उमंग ने सेना में शामिल होकर तीसरी पीढ़ी की परंपरा को आगे बढ़ाया है। बता दें कि उमंग गुसाईं अपने पिता और दादा के बाद वह तीसरी पीढ़ी है जो परिवार की सैन्य परंपरा को आगे बढ़ा रही है। उमंग गुसाईं के दादा हवलदार (constable) ज्ञान सिंह गुसाईं गोरखा राइफल 1/8 में सेवाएं दे चुके हैं।
उनके नाना नायक धन सिंह पटवाल 60 इंजीनियर रेजीमेंट बंगाल इंजीनियर से रिटायर हो चुके हैं। वही उमंग के पिता लेफ्टिनेंट कर्नल (lieutenant colonel) रंजीत सिंह वर्तमान समय में भी बंगाल इंजीनियर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। पिता रणजीत सिंह, मां पुष्प लता और बहन प्रीति के लिए भी उमंग गुसाईं का सेना में लेफ्टिनेंट बनना गौरवशाली विषय है।
पिता रंजीत सिंह के मुताबिक बेटा ऑफिसर की भूमिका में उनकी तीसरी पीढ़ी के रूप में सेना में लेफ्टिनेंट बन गया है। अब वह थल सेना की 11 इन्फेंट्री (11 infantry posting) पोस्टिंग के लिए जा रहा है। परिवार को उम्मीद है की उमंग तीसरी पीढ़ी के साथ अपनी चौथी पीढ़ी को भी राष्ट्र सेवा के प्रति समर्पित करते हुए आगे बढ़ाएंगे। गौरतलब है कि देश सेवा का जो जज्बा उत्तराखंड के युवाओं में देखने को मिलता है वह देखने लायक है।