देहरादून: चुनाव जीतने के बाद भाजपा अपने वायदे में शामिल समान नागरिक संहिता लागू (यूनिफॉर्म सिविल कोड) पर तेजी से काम कर रही है। कैबिनेट बैठक में भी इसे हरी झंडी मिल गई थी, जिसमें कमेठी गठन होने पर सहमति बनी थी। अब ताजा जानकारी ये सामने आ रही है कि गठित कमेटी 6 महीने में धामी सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी। कमेटी का एक कार्यालय देहरादून और दूसरे कार्यालय नई दिल्ली में होगा।
गृह विभाग ने समान नागरिक संहिता के लिए जस्टिस (रिटायर्ड) रंजना देसाई की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यों वाली कमेटी के लिए गाइडलाइन जारी कर दी हैं। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा जारी आदेश की मानें तो कमेटी उत्तराखंड के सभी समुदायों के व्यक्तिगत मामलों को नियंत्रित करने वाले कानूनों का मसौदा तैयार करेगी। कमेटी को क्या-क्या सुविधाएं मिलेगी, स्टाफ और वेतन को लेकर भी फैसला हो गया है। दिल्ली में इस जिम्मेदारी को स्थानीय आयुक्त और देहरादून में राज्य सम्पत्ति विभाग निभाएगा। समिति का खर्च गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय की ओर से वहन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि कमेटी की प्राइमरी सर्वे में कई बातें सामने आई है कि अगर यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होता है तो तकरीबन 20 से 30 फ़ीसदी घरेलू मामले कोर्ट में जाने के पहले ही सुलाझाऐं जाएगे और ये जनता के लाभदायक होगा। कमेटी के रिपोर्ट के आधार पर सरकार प्रदेश से यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करेगी