नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का गुरुवार को दिल्ली में निधन हो गया। वह 74 साल के थे। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और दिल्ली के एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में भर्ती थे। पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। उनके बेटे चिराग पासवान ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, ”पापा….अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं। Miss you Papa.”पासवान, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में उपभोक्ता मामलों तथा खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि देश ने एक दूरदर्शी नेता खो दिया है। रामविलास पासवान संसद के सबसे अधिक सक्रिय और सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले मेंबर रहे। वे दलितों की आवाज थे और उन्होंने हाशिये पर धकेल दिए गए लोगों की लड़ाई लड़ी। पांच जुलाई 1946 को खगरिया जिले के शाहरबन्नी के एक दलित परिवार में जन्मे रामविलास पासवान का नाम दिग्गज नेताओं में शामिल हैं। जेपी के दौर में वे भारतीय राजनीति में उभरे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी रामविलास के निधन पर शोक जताते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है।
पीएम ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘रामविलास जी ने कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के जरिये राजनीति में कदम रखा। एक युवा नेता के रूप में उन्होंने इमरजेंसी के दौरान अत्याचार और लोकतंत्र की हुए हमले का जमकर विरोध किया। वे एक असाधारण सांसद और मंत्री थे और उन्होंने नीतिगत क्षेत्र में अहम योगदान दिया।’ केंद्र सरकार के कई मंत्रियों, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पासवान के निधन पर दुख जताते हुए उन्होंने श्रद्धासुमन अर्पित किए हैं।
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