Sports News

उन्मुक्त चंद ने 28 साल की उम्र में भारतीय क्रिकेट से लिया संन्यास

हल्द्वानी: क्रिकेट से एक बड़ी खबर सामने आई है। भारतीय अंडर-19 टीम को साल 2012 में विश्वकप जीताने वाले कप्तान उन्मुक्त चंद ने 28 साल की उम्र में भारतीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। उन्होंने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी। कहा जा रहा है कि वह अब अमेरिका के लिए क्रिकेट खेलेंगे। भारतीय अंडर-19 टीम के अलावा इंडिया ए टीम के सदस्य रहे चंद का बल्ला लंबे वक्त से शांत था। आईपीएल में खराब प्रदर्शन के चलते उन्हें दिल्ली घरेलू टीम में भी जगह नहीं मिली थी, जहां से उन्होंने डेब्यू किया था।

साल 2019 में वह उत्तराखंड घरेलू टीम में शामिल हुए। सीएयू ने उन्हें कप्तान बनाया था लेकिन वह कामयाब नहीं हुए। साल 2020 में दिल्ली ने उन्हें एक बार फिर चुना जरूर लेकिन टीम में जगह नहीं दी। वह आईपीएल में मुंबई, दिल्ली और राजस्थान के लिए खेले। बता दें कि चंद ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2012 के फाइनल में नाबाद 111 रन बनाकर प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार जीता था। उन पर सभी की नजर थी लेकिन वह भारतीय टीम में एंट्री नहीं पा सके। हालांकि उनके परिश्रम को लेकर तमाम घरेलू खिलाड़ी तारीफ करते हैं।

उन्मुक्त ने 67 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं और 31.57 की औसत से 3379 रन बनाए। उन्होंने लिस्ट ए में 120 मैचों में 41.33 की औसत से 4505 रन बनाए हैं। टी20 में उनके नाम 77 मैचों में 22.35 के औसत और 116.09 के स्ट्राइक रेट से 1565 रन हैं। 

संन्यास का ऐलान उन्मुक्त ने लिखा कि मुझे नहीं पता कि मुझे कैसा महसूस करना चाहिए क्योंकि मैं ईमानदारी से अभी भी इसका पता लगा रहा हूं। अपने देश का फिर से प्रतिनिधित्व नहीं कर पाने का विचार सचमुच थोड़ी देर के लिए मेरे दिल की धड़कन को रोक देता है। भारत में मेरी क्रिकेट यात्रा में कुछ शानदार पल रहे हैं। भारत के लिए अंडर-19 विश्व कप जीतना मेरे जीवन के सबसे बड़े क्षणों में से एक है।

एक कप्तान के रूप में कप को उठाना और देश में लाना एक विशेष एहसास था। कई मौकों पर भारत-ए का नेतृत्व करना और विभिन्न द्विपक्षीय और त्रिकोणीय सीरीज जीतना मेरी यादों में हमेशा रहेगा। क्रिकेट एक यूनिवर्सल खेल है और हो सकता है कि मतलब बदल जाएं लेकिन मकसद हमेशा एक ही रहता है और वह है- टॉप लेवल पर खेलना। मेरे सभी समर्थकों और चाहने वालों का शुक्रिया जिन्होंने हमेशा मुझे दिल में जगह दी। आप जैसे हैं उससे लोग प्यार करें इससे बेहतर कोई भावना नहीं होती। मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मेरे पास ऐसे लोग हैं। सबका शुक्रिया। अगली यात्रा की तरफ बढ़ते हैं।’

To Top