Uttar Pradesh

उत्तर प्रदेश में राजनैतिक मौसम में बदलाव, 24 घंटो में 5 विधायकों ने छोड़ा भाजपा का साथ!


नई दिल्ली: देशभर में कोरोना वायरस की तीसरी लहर के साथ-साथ चुनावी लहर भी उतनी ही तेज है। चुनाव आयोग के आगामी विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान करने के बाद राज्यों में चुनावी हलचल बढ़ गई है। राजनैतिक उठापटक भी पूरे जोर-शोर पर है और ऐसे में मौसम के साथ करवट बदलने वाले कुछ नेता भी इधर-उधर होने लगे हैं।

इस वक्त उत्तर प्रदेश के चुनाव पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला प्रदेश होने के साथ-साथ 403 विधानसभा वाला सबसे बड़ा प्रदेश भी है। इस वक्त राज्य में भाजपा की योगी सरकार सत्ता में है पर चुनाव की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आ रही है वैसे वैसे राजनीतिक दल बदल भी शुरू हो गया है। राज्य में योगी सरकार का चुनाव में मुख्य प्रतिद्वंदी अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को बताया जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषक भी यही मानते हैं कि यहां योगी सरकार का आमना सामना अखिलेश यादव के साथ में है।

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पिछले 24 घंटों में भाजपा के पांच विधायक पार्टी का दामन छोड़ चुके हैं इनमें स्वामी प्रसाद मौर्य, बृजेश प्रजापति, रोशन लाल शर्मा, भगवती सागर और आर के शर्मा शामिल हैं। इन 5 विधायकों में से दो विधायक आरके शर्मा और स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी का दामन थाम चुके हैं जबकि शेष अन्य तीन विधायक भी जल्द ही समाजवादी पार्टी के साथ जुड़ सकते हैं।
समाजवादी पार्टी पिछले कुछ समय में बहुत ही मजबूती से उभर कर आई है यही वजह है कि सत्तारूढ़ भाजपा को छोड़ विधायक समाजवादी पार्टी से जुड़ रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के चुनावों पर पूरे देश की नजर होती है उत्तर प्रदेश के चुनाव राजनीतिक तौर पर सबसे महत्वपूर्ण चुनाव माने जाते हैं उत्तर प्रदेश एक ऐसा राज्य भी रहा है जहां से पार्टियों और सरकारों में सबसे ज्यादा ऊंचे पद वाले नेता रहे हैं। राज्य में 403 विधानसभा सीटों के साथ-साथ 80 लोकसभा सीट भी हैं। इसीलिए कुछ राजनैतिक विश्लेषक ऐसा कहते हैं कि जिसने उत्तरप्रदेश साध लिया उसने देश साध लिया।

उत्तर प्रदेश के आगामी चुनाव 7 चरणों में होने वाले हैं पहले चरण के चुनाव 10 फरवरी तो वही सातवें चरण के चुनाव 7 मार्च 2022 होने वाले हैं अब देखना यह होगा कि क्या मौसम के साथ इन पार्टी बदलने वाले विधायकों को इसका फायदा मिलेगा या फिर नुकसान। आने वाले कुछ दिनों में यह पता चल जाएगा कि राजनैतिक पार्टी बदलने वाले नेताओं को कितना फायदा हुआ और कितना नुकसान। 10 मार्च 2022 को उत्तर प्रदेश समेत इन पांच राज्यों में मतगणना के बाद चुनाव के नतीजे सामने आएंगे।

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