
देहरादून: उत्तराखण्ड राज्य सरकार ने इस वर्ष आई आपदाओं से हुई भारी क्षति की भरपाई और भविष्य में अवस्थापना संरचनाओं को सुरक्षित करने के लिए केंद्र सरकार से 5702.15 करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज की मांग की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु और सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के विभागाध्यक्ष राजेंद्र सिंह और सचिव मनीष भारद्वाज को ज्ञापन सौंपा।
आपदा से हुई क्षति का ब्योरा
सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने बताया कि 1 अप्रैल से 31 अगस्त 2025 तक की अवधि में प्राकृतिक आपदाओं से:
- 79 लोगों की मौत, 115 लोग घायल और 90 लोग लापता हुए।
- 3953 पशुओं की मृत्यु हुई।
- 238 पक्के और 2 कच्चे भवन ध्वस्त हुए, जबकि 2835 पक्के और 402 कच्चे भवन गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए।
- बड़ी संख्या में होटल, होमस्टे, दुकानें और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी क्षतिग्रस्त हुए।
विभागीय क्षति का अनुमान:
- लोक निर्माण विभाग व सार्वजनिक सड़कों को – 1163.84 करोड़
- सिंचाई विभाग – 266.65 करोड़
- ऊर्जा विभाग – 123.17 करोड़
- स्वास्थ्य विभाग – 4.57 करोड़
- शिक्षा विभाग (स्कूली व उच्च शिक्षा) – 77.32 करोड़
- ग्राम्य विकास विभाग – 65.50 करोड़
- पशुपालन विभाग – 23.06 करोड़
- अन्य विभागीय परिसंपत्तियां – 213.46 करोड़
कुल प्रत्यक्ष क्षति – 1944.15 करोड़ रुपये।
इसके अलावा, जोखिमग्रस्त परिसंपत्तियों को स्थिर करने व बचाव के लिए 3758 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मांग की गई है।
केंद्र से सहयोग का आश्वासन
एनडीएमए के विभागाध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने स्वीकार किया कि उत्तराखण्ड ने इस वर्ष धराली और थराली जैसी भयावह आपदाओं का सामना किया है और राज्य को व्यापक क्षति हुई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत सरकार हर स्तर पर आर्थिक सहयोग प्रदान करेगी ताकि आपदा प्रभावितों को मदद मिल सके और दीर्घकालिक समाधान लागू हो सकें।
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह लगातार राज्य के साथ खड़े रहे हैं और अब तक हर संभव सहयोग प्रदान किया है। उन्होंने कहा,
“हमने केंद्र से आग्रह किया है कि आपदा से हुई भारी क्षति की भरपाई हेतु विशेष आर्थिक पैकेज दिया जाए, ताकि प्रभावित परिवारों को तत्काल सहायता, क्षतिग्रस्त अवसंरचना का पुनर्निर्माण और आजीविका साधनों का पुनर्स्थापन हो सके।”
ज्ञापन की तैयारी और आगे की कार्यवाही
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन के मार्गदर्शन में यह विस्तृत ज्ञापन तैयार किया गया। उन्होंने दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात कर पैकेज की मांग को रखा था।
प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु ने बताया कि एनडीएमए के साथ बैठक अत्यंत सकारात्मक रही और अधिकारियों ने ज्ञापन में उल्लिखित तथ्यों को उचित ठहराते हुए सहायता का आश्वासन दिया।
सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने जानकारी दी कि 8 सितंबर 2025 को गृह मंत्रालय की अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम उत्तराखण्ड का दौरा करेगी। टीम प्रभावित जिलों का स्थलीय निरीक्षण कर क्षति का आकलन करेगी।






