देहरादून: प्रदेश में खेल से लेकर पढ़ाई तक, विज्ञान से लेकर खेती तक, हर क्षेत्र में अच्छा करने की काबिलियत है। ये बात समय-समय पर दुनियावालों को पता लगती रहती है। इस बार अच्छी खबर औद्योनिकी के क्षेत्र से आई है। दरअसल बागवानी क्षेत्र में कमाल करने के लिए उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ औद्योनिकी राज्य का अवार्ड दिया गया है। लाजमी है कि इस अवार्ड से उत्तराखंड के किसानों से लेकर तमाम रहवासियों का सीना चौड़ा हो गया है।
बता दें कि शुक्रवार को दिल्ली में एग्रीकल्चर लीडरशिप कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया था। जिसमें केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर मौजूद थे। इसी कार्यक्रम में उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ औद्योनिकी राज्य बनने के लिए अवार्ड दिया गया। उत्तराखंड के कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल को यह अवार्ड केंद्रीय मंत्री तोमर द्वारा प्रदान किया गया। साथ ही उत्तराखंड द्वारा बागवानी क्षेत्र में किए गए सराहनीय कार्यों की प्रशंसा भी की गई।
गौरतलब है कि प्रदेश के किसानों की मेहनत भी इस अवार्ड को हासिल करने में अहम रही। राज्य में करीब 4.5 लाख किसान परिवार बागवानी के ऊपर आश्रित हैं। जहां उत्तराखंड में सेब, नाशपाती, आडू, माल्टा, लीची, खुमानी समेत अन्य फलों का उत्पादन होता है। वहीं, बेमौसमी सब्जी व मसालों की भी खेती की जाती है। ऐसे में बागवानी फसलों का विस्तार करने के लिए ही उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ औद्योनिकी राज्य का अवार्ड मिला है।
अवार्ड लेकर उत्तराखंड लौटे कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने खुशी जताई। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों की आय को दोगुना करने के लिए बागवानी के क्षेत्र में काम किया हैं। साथ ही अच्छी क्वालिटी वाले फलदार पौध उपलब्ध कराने के लिए नर्सरी एक्ट लागू किया है। घटिया पौधे देने पर संचालकों को 6 माह की सजा का प्रावधान है। सेब को भी राज्य ने एक ब्रांड के रूप में स्थापित किया है।