
पिथौरागढ़: सरकारी स्कूल में मिड डे मील बनाकर घर चलाने वाली मां की आंखों से आंसू उस वक्त छलक पड़े, जब बेटे के पुलिस में सब इंस्पेक्टर पद पर चयन की खबर आई। बरसों से चूल्हे की गर्मी सहने वाली उस मां का सपना आखिरकार साकार हुआ और उनके आंसू खुशी की बारिश में बदल गए।
यह कहानी है मुवानी कस्बे के धर्मेंद्र भट्ट की….जिसे लोग प्यार से ध्रुव कहते हैं। उसी ध्रुव ने मां के संघर्षों, संस्कारों और अपने हौसले से वो कर दिखाया…जो कई बार असंभव लगता है। एक सामान्य परिवार से निकलकर, निजी कंपनियों, होटलों और दुकानों में काम करते हुए अपनी पढ़ाई को ज़िंदा रखा और आखिरकार उत्तराखंड पुलिस सेवा में सब इंस्पेक्टर बनने का गौरव प्राप्त किया।
ध्रुव की मां पिछले 22 वर्षों से प्राथमिक विद्यालय मुवानी में भोजनमाता के रूप में कार्यरत हैं। कम संसाधनों के बावजूद उन्होंने अपने बेटे को सच्चाई, ईमानदारी और मेहनत के संस्कार दिए। जब बेटे ने सब इंस्पेक्टर बनने की खबर दी…तो मां की आंखें छलक पड़ीं। यह सिर्फ एक नौकरी का चयन नहीं…बल्कि उस मां के वर्षों के त्याग और धैर्य की जीत थी।
ध्रुव अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां के साथ-साथ अपने गुरु प्रताप सिंह पुंडीर को भी देते हैं। पुंडीर जी वर्तमान में उत्तराखंड ग्रामीण बैंक, ऋषिकेश शाखा में कार्यरत हैं। ध्रुव कहते हैं कि अगर गुरु का मार्गदर्शन न मिला होता..तो शायद मैं कभी इस मुकाम तक न पहुंच पाता।
अपनी तैयारी के दौरान ही ध्रुव ने मुवानी में “ध्रुव कोचिंग क्लासेस” की शुरुआत की थी…जहां अब तक 25 से अधिक छात्र SSC GD और भारतीय सेना जैसी सेवाओं में चयनित हो चुके हैं। गरीब परिवारों के बच्चों के लिए यह संस्थान उम्मीद की किरण बन चुका है।
पुलिस सेवा को बताया सेवा का माध्यम
ध्रुव अप्रैल 2025 से डीडीहाट के डायट से डीएलएड कर रहे थे…लेकिन अब उन्होंने उस पाठ्यक्रम को छोड़कर पूरी निष्ठा से पुलिस सेवा को अपनाने का निर्णय लिया है। उनका मानना है कि पुलिस सेवा सिर्फ एक नौकरी नहीं…बल्कि समाज की रक्षा और सेवा का अवसर है।
ध्रुव भट्ट, सब इंस्पेक्टर (चयनित): मैं अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, गुरु प्रताप पुंडीर, सभी गुरुजनों और विद्यार्थियों को देता हूं। आने वाले समय में पूरी ईमानदारी और निष्ठा से देश और समाज की सेवा करूंगा।






