देहरादून: राज्य में वैसे ही डॉक्टरों की कमी है। ऊपर से वीआइपी और वीवीआइपी ड्यूटी से चिकित्सक परेशान हैं। देहरादून में वीआइपी और वीवीआइपी ड्यूटी से परेशान होकर दून हॉस्पिटल के कार्डियोलाजिस्ट डॉ. अमर उपाध्याय ने इस्तीफा दे दिया। उनके इस कदम ने सभी को सकते में डाल दिया था। एक तो वर्षों बाद दून हॉस्पिटल में कार्डियोलाजिस्ट की तैनाती हुई थी। हालांकि कालेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने उन्हें मना लिया और अब वह वापस ड्यूटी पर लौट आए हैं। इससे पहले भी एक सीनियर रेजीडेंट पहले ही वीआइपी ड्यूटी लगने के चलते नौकरी छोड़ चुकी हैं।
इस्तीफे को लेकर कार्डियोलाजिस्ट डॉ. उपाध्याय ने तर्क दिया कि वीआइपी-वीवीआइपी ड्यूटी लगने से आम आदमी को परेशानी होती है। उन्हें बिना इलाज के लौटना पड़ता है। सबसे ज्यादा परेशानी पहाड़ से आने वाले मरीजों को होती है। उन्होंने प्राचार्य से साफ कहा कि वीआइपी-वीवीआइपी ड्यूटी के लिए कोई भी डॉक्टर आम मरीज के जीवन से खिलवाड़ नहीं कर सकता है। डॉक्टर उपाध्याय को सुनने के बाद प्राचार्य ने कहा कि उन्हें मना लिया गया है। शासन स्तर पर इस संबंध में बात की जाएगी। मरीजों को परेशान नहीं होने दिया जाएगा।
बता दें कि राज्य में 14 से 16 जुलाई को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के स्वास्थ्य चिंतन शिविर में भी दून मेडिकल कालेज से बड़ी संख्या में चिकित्सकों की ड्यूटी लगी है। इससे चिकित्सकों में नाराजगी है। इससे दून हॉस्पिटल आने वाले सभी लोग परेशान है। इस लिस्ट में मरीज से लेकर छात्र भी शामिल हैं। पिछले साल भी एक महिला डॉक्टर ने वीआइपी कल्चर से परेशान होकर नौकरी छोड़ दी थी।