देहरादून: चारधाम यात्रा की तैयारियों जोरों शोरों से की जा रही हैं। शासन-प्रशासन किसी भी तरह की कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहता। अब परिवहन निगम ने भी अपनी ओर से चारधाम यात्रा पर जाने वाले वाहन चालकों और यात्रियों की सुरक्षा के लिए दिशा- निर्देश जारी कर दिए हैं। साफतौर पर कहा गया है कि चालक चप्पल पहनकर वाहन नहीं चलाएं।
परिवहन निगम के आदेशों ने गतिमान वाहन में टेप रिकॉर्डर, सीडी प्लेयर, रेडियो का संचालन नहीं करने की सलाह दी गई है। आरटीओ (प्रवर्तन) शैलेश तिवारी ने जानकारी दी और बताया कि सभी दिशा-निर्देश चेकपोस्ट, बस अड्डे और स्टेशनों पर चस्पा किए जाएंगे। लाजमी है कि यात्रा पर आने वाले हर एक व्यक्ति की सुरक्षा सरकार और प्रशासन की ही जिम्मेदारी होती है।
चारधाम यात्रा पर क्या ना करें:-
प्राइवेट वाहनों को किराए पर लेकर यात्रा न करें। यात्रा निर्धारित समयावधि में ही पूर्ण करें और यात्रा के दौरान जल्दबाजी न करें। तेज गति से वाहन न चलाएं और बीच-बीच में विश्राम करें। वाहन में ज्वलनशील पदार्थ पेट्रोल, डीजल, गैस सिलेंडर न ले जाएं। नशे का सेवन कर वाहन न चलाएं। यात्रा मार्गों पर कूड़ा/गंदगी न फैलाएं और वाहन में कूड़ेदान लगाएं। वाहन चलाते समय टेप रिकॉर्डर, गाने या रेडियो का संचालन न करें।
वहीं, निगम के आदेश के अनुसार वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग न करें। यात्रा मार्गों पर रात्रि में वाहन का संचालन कदापि न करें। चप्पल पहनकर वाहन न चलाएं। वाहन में चालक के पास अनावश्यक सामान या पानी की बोतल आदि न रखें। यात्रा के दौरान चालक से बातचीत या नोक-झोंक न करें। वाहन में ओवर लोडिंग न करें और वाहन में घिसे हुए या रिट्रेटेड टायरों का प्रयोग न करें।
आपको बता दें कि निर्देशों में ये भी स्पष्ट किया गया है कि पर्वतीय मार्गों पर अनावश्यक ओवरटेक न करें, आवश्यक होने पर आगे जाने वाली वाहन के संकेत मिलने एवं पर्याप्त स्थान मिलने पर ही ओवरटेक करें। साथ ही खुले में शौच न करें और यात्रा मार्गों पर स्थापित शौचालय का प्रयोग करें।
चारधाम यात्रा के लिए क्या करें :-
चारधाम यात्रा के लिए सबसे पहला आवश्यक काम ये है कि आप अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराएं और ट्रिप कार्ड ले लें। व्यावसायिक वाहन ग्रीन कार्ड प्राप्त कर ही यात्रा में जाएं। व्यावसायिक वाहनों के लिए पर्वतीय मार्गों पर संचालन के लिए चालक के लाइसेंस में पर्वतीय मार्गों का अनिवार्य रूप से पृष्ठांकन कराना जरूरी है। वाहन में फर्स्ट एड बॉक्स, अग्निशमन यंत्र, रस्सी आदि रखने की सलाह दी गई है।
इसके अलावा पर्वतीय मार्गों पर 4225 मिमी से अधिक व्हीलबेस, व्हीलबेस के 60 प्रतिशत से अधिक ओवर हैंग एवं 250 सेमी से अधिक चौड़ाई की वाहन का संचालन अनुमन्य नहीं है। बता दें कि पर्वतीय मार्गों पर वाहन का तकनीकी रूप से ठीक होना आवश्यक है। यात्रा से पूर्व वाहन के ब्रेक, गियर, टायर, स्टेयरिंग की भली-भांति जांच अवश्य कर लें। ध्यान रहे कि वाहन में सदैव सभी वैध प्रपत्र रखना बेहतर रहेगा।
पर्वतीय मार्गों पर मोड़ पर हॉन अवश्य दें और अपनी लेन में ही चलें। इसके अलावा वाहन को सुरक्षित स्थान पर ही पार्क करें एवं पार्क करते समय हैंडब्रेक एवं लकड़ी का गुटका अवश्य लगाएं। पहाड़ी मार्गों पर मौसम खराब होने, भूस्खलन होने के संबंध प्रशासन द्वारा दिये गये गये दिशा-निर्देशों का पालन करें। यात्रा प्रारंभ करते समय एवं वापसी में यात्रा चेकपोस्ट पर वाहन का प्रविष्टि अवश्य कराएं। वाहन में कूड़ेदान का प्रयोग करें और रास्ते में शौचालयों का ही प्रयोग करें। यात्रा विश्राम करते हुए ही पूरी करें।