
देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने आज एक भावनात्मक और स्पष्ट संदेश जारी करते हुए आंदोलनरत युवाओं से सीधा संवाद किया। उन्होंने कहा कि जिस उत्तराखंड के लिए हमारे शहीदों और आंदोलनकारियों ने अपने प्राण न्यौछावर किए, वह केवल एक भौगोलिक सीमा नहीं…बल्कि एक सपना था एक ऐसा राज्य जहाँ हर बेटे-बेटी को न्याय, सम्मान और बेहतर जीवन मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जब हमारे कुछ बच्चे सड़कों पर हैं…तो मैं उन्हें यही कहना चाहता हूँ कि वे भी हमारे अपने हैं, हमारे परिवार का हिस्सा हैं।
उन्होंने स्वयं को प्रदेश का ‘मुख्य सेवक’ बताते हुए कहा कि हर आवाज़ को सुनना हर पीड़ा को समझना और हर दिल तक पहुँचना उनका कर्तव्य है। उन्होंने युवाओं को आश्वस्त किया कि सरकार उनकी भावनाओं और भविष्य को लेकर पूरी तरह संवेदनशील है।
नकल माफियाओं को चेतावनी, छात्रों से संवेदनशीलता
मुख्यमंत्री ने 2023 में लाए गए देश के पहले सख्त नकल विरोधी कानून का ज़िक्र करते हुए स्पष्ट किया कि इसका उद्देश्य केवल नकल माफियाओं और भ्रष्ट तंत्र पर कार्रवाई करना है, न कि मेहनती छात्रों को डराना।
कुछ लोग हमेशा कानून का उल्लंघन करते हैं…ऐसे हाकमो और उनके हाकिमों को हम ऐसा सबक सिखाएंगे कि वे कभी भूल नहीं पाएंगे साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि छात्रों के साथ कोई भेदभाव या मनभेद सरकार की नीति नहीं रही है और न कभी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब एक परिवार हैं और परिवार का उद्देश्य सभी सदस्यों का कल्याण होता है। मैं सभी से आग्रह करता हूँ कि संवाद और विश्वास की राह पर आगे बढ़ें।
उन्होंने यह भी दोहराया कि उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने का जो “विकल्प रहित संकल्प” लिया गया है…उसे सरकार जनता के साथ मिलकर ही पूर्ण करेगी।






