नई दिल्ली:भारत के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने जब बीसीसीआई की कमान संभाली थी तो उन्होंने घरेलू क्रिकेट को बदलने की बात कही थी। उन्होंने खिलाड़ियों को आर्थिक रूप से मजबूती देने को अपनी प्राथमिकता करार दिया था। उन्होंने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। भारतीय घरेलू क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए बोर्ड ने बड़ा फैसला किया है। घरेलू क्रिकेटरों की मैच फीस में बढ़ोतरी हुई है। वहीं उन्हें कोरोना काल में रद्द हुए टूर्नामेंट का आधा पैसा मिलेगा। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने सोमवार को भारतीय घरेलू क्रिकेटरों की सैलरी बढ़ाने की घोषणा की है।
बीसीसीआई ने सीनियर घरेलू क्रिकेटरों की सैलरी प्रति मैच 60 हजार रुपए कर दी है। यह मैच फीस उन खिलाड़ियों को मिलेगी जो 40 या उससे ज्यादा मैच खेल चुके हैं। वहीं अंडर-23 और अंडर-19 खिलाड़ियों की भी सैलरी बढ़ाई गई है। अंडर -23 के खिलाड़ियों को हर मैच के 25 हजार रुपए मिलेंगे और अंडर-19 क्रिकेटरों को प्रति मैच 20 हजार रुपये मिलेंगे। वहीं जिन खिलाड़ियों ने साल 2019-20 घरेलू सीजन में हिस्सा लिया था उन्हें 50 फीसदी अतिरिक्त मैच फीस दी जाएगी।
महामारी के चलते बीसीसीआई ने 2020-21 सीजन रद्द कर दिया था। रणजी ट्रॉफी का आयोजन नहीं हुआ था। इन सभी खिलाड़ियों को 50 प्रतिशत मैच फीस दी जाएगी। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी का आयोजन 20 अक्टूबर से 12 नवंबर तक होगा जबकि पिछले सीजन में रद्द हुई रणजी ट्रॉफी का आयोजन 16 नवंबर से 19 फरवरी और विजय हजारे ट्रॉफी की शुरूआत 23 फरवरी से 26 मार्च 2022 तक होगी। बता दें भारतीय घरेलू खिलाड़ियों को फिलहाल एक रणजी ट्रॉफी मैच, विजय हजारे ट्रॉफी के एक मैच के लिए 35 हजार रुपये मिलते हैं। वहीं सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए बीसीसीआई 17,500 रुपये प्रति मैच देती है। लेकिन अब बीसीसीआई ने मैच फीसदी 25 हजार रुपये तक बढ़ा दी है।