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किसानों की आय, पैदावार और पर्यटन को बढावा देने की दिशा में हो रहा है कार्य तथा सैनिकों की पेंशन बढाने का लिया निर्णय।


देहरादून  –  स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री ने सैनिकों के हित के बारे में कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड, वीरों की भूमि भी है, जिसे प्रधानमंत्री ने सैन्य धाम की संज्ञा भी दी है। यहां लगभग प्रत्येक परिवार का कोई न कोई सदस्य देश की रक्षा के लिये सैन्य अथवा अर्द्धसैन्य बलों में तैनात रहता है। सरकार शहीद सैनिकों के परिवारजनों के साथ खड़ी है। शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकारी नौकरी देने का प्राविधान किया गया है। विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत सैनिकों को अनुमन्य राशि में कई गुना बढ़ोत्तरी की गई है। उत्तराखंड से द्वितीय विश्व युद्ध की वीरांगनाओं एवं पूर्व सैनिकों को प्रतिमाह दी जाने वाली पेंशन को 8 हजार रुपए से बढ़ाकर 10 हजार रुपए करने का भी निर्णय लिया गया है।

     मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के किसानों की आय को दोगुना करने का संकल्प लिया है। उत्तराखण्ड इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सुगंधित और औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड सरकार निरन्तर कार्य कर रही है।

     प्रदेश में लगभग 650 खाद्य प्रसंस्करण केन्द्र हैं, जिनकी संख्या को बढ़ाने पर भी कार्य किया जा रहा है। बागवानी को बढ़ावा देने के लिये सरकार विभिन्न योजनाओं में अनुदान दे रही है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से अब तक प्रदेश के लगभग 09 लाख किसानों को लाभान्वित किया गया है। दीन दयाल उपाध्याय सहकारिता योजना के अन्तर्गत किसानों को 03 लाख रूपए और महिला स्वयं सहायता समूहों को 05 लाख रूपए तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध कराया जा रहा है। सौर ऊर्जा और पिरूल ऊर्जा नीति, ग्रामीण युवाओं की आजीविका में सहायक हो रही है।

साथ मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन का क्षेत्र भी एक ऐसा क्षेत्र है, जिसको ग्रामीणों एवं युवाओं की आजीविका से जोड़ने में हमने कामयाबी प्राप्त की है। हमारी होम स्टे योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। ट्रैकिंग मार्गों पर भी होम स्टे को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है। साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इसकी अलग से विंग बनाई गई है।

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