देहरादून: दुबई में चल रहे टी20 वर्ल्ड कप में भारतीय क्रिकेट टीम का सफर रविवार को खत्म हो गया। न्यूजीलैंड ने अफगानिस्तान को आठ विकेट से हराकर भारत और अफगानिस्तान दोनों को बाहर का रास्ता दिखाया। मगर इस मैच से ठीक पहले खेल जगत और उत्तराखंड के लिए चौंकाने वाली घटना सामने आई। दरअसल मैच में इस्तेमाल की गई पिच को बनाने वाले क्यूरेटर की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई।
स्थानीय प्रशासन के अनुसार न्यूजीलैंड-अफगानिस्तान मैच से ठीक पहले मोहन सिंह अपने कमरे में मृत पाए गए। मोहन सिंह गढ़वाल के रहने वाले हैं। कई सालों से पिच क्यूरेटर का काम कर रहे मोहन सिंह ने पंजाब क्रिकेट स्टेडियम मोहाली में क्यूरेटर बनने के प्रशिक्षण लिया है। जिसके बाद वह 2002 में अबुधाबी चले गए।
बता दें कि मोहन सिंह 1994 से अबूधाबी में ग्राउंड सुपरवाइजर के रूप में कार्यरत थे। इतना ही नहीं वह पिछले 15 साल से अबूधाबी क्रिकेट का हिस्सा थे और शेख जायद स्टेडियम में क्यूरेटर की भूमिका भी निभा रहे थे। ऐसे में न्यूजीलैंड-अफगानिस्तान मैच से ठीक पहले पिच का जायजा लेने के बाद उनकी लाश कमरे में फंदे से लटकी मिली।
गौरतलब है कि अफगानिस्तान का न्यूजीलैंड के खिलाफ जीतना भारत की वर्ल्ड कप में बने रहने की उम्मीदों के लिए जरूरी था। लेकिन अफगानिस्तान की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए अच्छा स्कोर खड़ा नहीं किया। जिसकी वजह से न्यूजीलैंड ने उसे आसानी से हरा दिया। बता दें कि जांच एजेंसियां भी सकते में हैं कि आखिर अचानक से कैसे संदिग्ध अवस्था में मोहन सिंह की मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट्स में इसे खुदकुशी भी बताया जा रहा है।
मोहन सिंह की मौत को लेकर कई तरह के पहलुओं पर चर्चा चल रही हैं। रिपोर्ट्स के मानें तो मोहन सिंह के डिप्रेशन में होने की बात भी सामने आ रही है। मगर मौत का असली राज अभी तक किसी को नहीं पता चल सका है। मोहन सिंह के परिवार में पत्नी और बेटी हैं, जो जल्द ही अबुधाबी पहुंचेंगी।
बहरहाल अबूधाबी क्रिकेट और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने उत्तराखंड के पहले पिच क्यूरेटर मोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब विश्व कप के दौरान इस तरह की घटना हुई हो। 17 मार्च 2007 को पाकिस्तान की टीम के वर्ल्ड कप से हारकर बाहर होने के बाद होटल में उनके कोच बॉब वूल्मर की डेड बॉडी मिली थी। जिसपर काफी सवाल खड़े हुए थे।