देहरादून: जीएसटी चोरी करने पर सजा देने के मामले में उत्तराखंड अब पूरे देश में पहला राज्य बन गया है। राज्य कर विभाग के अधिकारियों ने 17.01 करोड़ रुपए के फर्जी आइटीसी क्लेम के मामले में फर्म संचालक को गिरफ्तार किया। जिसे अब पांच साल कठोर कारावास और एक लाख जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
बता दें कि हरिद्वार के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) मुकेश चंद्र आर्य की अदालत ने सिर्फ आठ माह में ट्रायल पूरा किया। इसी तेजी की वजह से कर जीएसटी चोरी के दोषी को सजा सुनाई गई है। दरअसल, आयुक्त राज्य कर डा. अहमद इकबाल के निर्देश पर करीब आठ माह पहले कार्रवाई हुई थी।
तब विभाग की केंद्रीयकृत इकाई (सीआइयू) ने फर्जी आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) क्लेम के मामले में मैनपावर आपूर्तिकर्त्ता फर्म पीएस इंटरप्राइजेज समेत छह फर्मों पर छापा मारा था। पीएस इंटरप्राइजेज के संचालक सुरेंद्र सिंह के दिल्ली, उत्तर प्रदेश व हरियाणा की फर्मों से फर्जी खरीद पर फर्म संचालक ने विभाग से 17.01 करोड़ रुपये का क्लेम भी हासिल किया।
इस मामले में जीएसटी टीम ने पांच अप्रैल 2022 को सुरेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया था। अब मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरिद्वार मुकेश चंद्र आर्य ने दोषी को पांच साल की कठोर कारावास की सजा सुना दी। एक लाख जुर्माना ना भरने पर सजा छह महीने बढ़ जाएगी। कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और आयुक्त डॉ. अहमद इकबाल ने कहा कि जीएसटी चोरी में देश में ये पहली सजा है।