देहरादून: राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य कर विभाग में राज्य कर निरीक्षक के पद पर तैनात हिमेंद्र सिंह रौतेला को बर्खास्त कर दिया गया है। गौरतलब है कि रौतेला को साल 2011 में विजिलेंस ने 11 हजार की घूस लेते गिरफ्तार किया था। इसके बाद कोर्ट में आरोप सिद्ध हो गया था। अब सरकार ने फैसला करते हुए उसे बर्खास्त कर दिया है।
अफसरों से मिली जानकारी के अनुसार मनोरंजन कर निरीक्षक के पद पर तैनात होने के समय रौतेला को एक शिकायत पर विजिलेंस ने यूएसनगर के कलक्ट्रेट परिसर में घूस लेते रंगे हाथ पकड़ लिया था। भ्रष्टाचार निवारण कानून में केस चला और साल 2017 में उन्हें दोषी भी पाया गया। राज्य कर आयुक्त एवं अपर सचिव वित्त अहमद इकबाल ने रौतेला को बर्खास्त किए जाने की पुष्टि की है।
देखा जाए तो टैक्स की चोरी को रोकना शासन प्रशासन का एक बहुत ही जरूरी काम होता है। ऐसे में अगर विभाग का ही कोई अधिकारी घूस लेते हुए पकड़ा जाए तो इससे ज्यादा शर्म की बात और कोई नहीं हो सकती। इसमें कोई दो राय नहीं कि उत्तराखंड सरकार लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ कई दावे करती है।
मगर कायदे से जब ऐसे फैसले लिए जाते हैं, तब ही एक सरकार के दावों पर जनता भरोसा कर पाती है। इसी कड़ी में अब टैक्स इंस्पेक्टर को बर्खास्त किया जाना भी एक बड़ा कदम है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि इस कदम के बाद अन्य अधिकारी इस तरह का कोई काम करने से पहले कई बार सोचेंगे।