देहरादून: खनन को लेकर प्रदेश सरकार (Uttarakhand Government decision) ने अहम फैसला किया है। इस फैसले से खनन कारोबारियों के चेहरे पर मुस्कान तो जरूर आएगी। बता दें कि सरकार ने पूराने आदेश को वापिस लेकर क्रशर के अलावा बाकी जगहों पर भी आरबीएम भंडारण (RBM storage) की परमिशन दे दी है। गौरतलब है कि जुलाई 2020 से रेते के अलावा बाकी के भंडारण पर पूर्ण पाबंदी लगाई गई थी।
खनन सत्र की शुरुआत होने से पहले उत्तराखंड सरकार ने कारोबारियों को राहत (big relief to mining businessmen) दी है। मतलब कुल मिलाकर पुरानी व्यवस्था को लागू कर दिया है। होता ये था कि क्रशर संचालक द्वारा नदी से आरबीएम निकालने के बाद प्लांट में पत्थर, रेत और मिट्टी को अलग किया जाता है। इसके बाद अलग साइज की गिट्टी बनाई जाती है। लोग निजी तौर पर भी आरबीएम भंडारण करते थे।
भंडारण से ही रेते की बिक्री की जाती थी। मगर बरसात शुरू होने से पहले ही क्रशर संचालकों को आरबीएम बेच दिया जाता था। चूंकि प्लांट में मौजूद उपखनिज खत्म होने पर भी बाहरी डिमांड को पूरी करने का प्रेशऱ होता था, इसलिए स्टाक की मात्रा बढ़ाने के लिए क्रशर संचालक (crusher) नदी के बाहर सड़क किनारे किराये के मैदानों में भी भंडारण करते थे।
बीते साल जुलाई में सरकार ने आदेश जारी किया था जिसके बाद आरबीएम के भंडारण की जिम्मेदारी सिर्फ क्रशर संचालकों को दी गई थी। क्रशर संचालक भी केवल अपने प्लांट के अंदर ही भंडारण कर सकते थे। स्टाकिस्टों के लिए भी सिर्फ रेते के भंडारण व बिक्री के आदेश जारी हुए थे। मगर अब सरकार ने इस फैसले को वापिस लिया है। उपनिदेशक खनन राजपाल लेघा ने बताया कि परमिशन के बाद आरबीएम का स्टाक किया जा सकता है।