देहरादून: महिलाओं के लिए बेहतर परिवेश बनाने को लेकर उत्तराखंड सरकार ने विगत दिनों हुई कैबिनेट बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब महिलाओं को नाइट शिफ्ट में भी काम करने का मौका मिलेगा। कैबिनेट ने श्रम विभाग के उत्तराखंड दुकान और स्थापन (रोजगार विनियम और सेवा शर्त) नियमावली 2022 के प्रस्ताव पर मुहर लगाई है।
गौरतलब है कि वर्तमान में केवल सात प्रतिशत महिलाएं ही प्रदेश में संगठित क्षेत्र में कार्य करती हैं। हालांकि, असंगठित क्षेत्र में यह आंकड़ा 55 प्रतिशत हो जाता है। ये अंतर इसलिए भी है क्योंकि संगठित क्षेत्रों में महिलाएं रात में काम नहीं कर सकती। अब इस फैसले को पलटा गया है। अब प्रत्येक संस्थान में कम से कमल तीन महिलाएं रात्रि पाली में काम जरूर करेंगी।
गौर करने योग्य बात है कि केवल एक महिला रात की पाली में काम नहीं करेगी। साथ ही महिलाओं के रेस्ट के लिए अलग रूम और बच्चे की उपस्थिति में शिशू कक्ष होगा। महिला टॉयलेट होना भी अनिवार्य है। खास बात ये भी है कि श्रम विभाग ने हर उस संस्थान से यौन उत्पीड़न रोकने के लिए समिति गठित करने का आग्रह किया है, जो महिलाओं से रात में काम कराएगा।
श्रम विभाग के मुताबिक अब सजा के प्रावधान में भी संशोधन हुआ है। छोटे अपराधों पर अब तीन महीने की जेल नहीं बल्कि दस लाख रुपए जुर्माना देय होगा। सचिव श्रम, आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि संगठित क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़े, इसलिए सरकार द्वारा थोड़ी रोक के साथ उनके रात की पाली में काम करने की परमिशन दी है।