देहरादून: प्रदेश सरकार ने ऊर्जा निगम कर्मियों की हड़ताल पर विशेष ध्यान देना शुरू कर दिया है। इनकी हड़ताल से अनुमानित परेशानी को देखते हुए शासन जरूरी कदम उठाने जा रहा है। हड़ताल को खत्म करने के लिए प्लान बना लिया गया है। दरअसल ऐसे कर्मचारी, जो कि हड़ताल पर नहीं गए हैं। उन्हें विशेष ऊर्जा भत्ता दिया जाएगा। उपनल के माध्यम से रखे गए कर्मियों को इसका लाभ मिलेगा। भत्ता 600 रुपए से लेकर 1000 रुपए तक तय किया गया है।
ये कहना भी गलत नहीं होगा कि ऊर्जा निगम कर्मियों की हड़ताल सरकार के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। अब शासन किसी भी तरह से हड़ताल को जारी रखने देने के मूड में नहीं है। शासन ने कर्मियों को मना कर हड़ताल खत्म करने की तैयारी शुरू कर दी हैं। कंट्रोल रूम बनाने के बाद उनमें कई विभागों के कर्मी तैनात किए हैं। पॉलीटेक्निक व आईजीआई करने वाले युवकों को मेंटेनेंस का जिम्मा दिया है। गौरतलब है कि हल्द्वानी में बिजली कटौती हुई तो हजारों की आबादी प्रभावित हो सकती है।
बता दें कि यूपीसीएल प्रबंधन व शासन की ओर से हड़ताल करने वालों को मनाने की कवायद की जा रही थी। अब यूपीसीएल के महाप्रबंधक केबी चौबे ने इसको लेकर हड़ताल को समाप्त करने के लिए नया आदेश जारी कर दिया है। जिसके अनुसार हड़ताल पर ना जाने वाले उपनल कर्मियों को विशेष ऊर्जा भत्ता दिया जाएगा। बता दें कि विशेष ऊर्जा भत्ता पर कर्मचारी राज्य बीमा निगम का अंशदान, सर्विस चार्ज व जीएसटी का भुगतान अतिरिक्त होगा।
विशेष ऊर्जा भत्ता
श्रेणी – भत्ता (रुपए प्रतिमाह)
समूह ख – 1000
समूह ग – 800
समूह ग द्वितीय श्रेणी – 700
समूह घ – 600 रुपये
दरअसल उपनल कर्मियों ने 14 सूत्रीय मांगों को मनवाने के लिए हड़ताल शुरू कर दी है। जिसकी वजह से हो ना हो, आम जन को काफी नुकसान झेलना पड़ सकता है। इसलिए सरकार भी अपने पैंतरों को निकालने में लगी हुई है। इसी क्रम में विशेष ऊर्जा भत्ता का ऐलान किया गया है। हालांकि कर्मियों का कहना है कि पिछले कई सालों से उनका मानदेय नहीं बढ़ाया गया। 12 हजार रुपये में वह नौकरी करने को मजबूर हैं। 14 सूत्रीय मांग पूरी होने पर ही वह काम पर वापस आएंगे। छह अक्टूबर से हड़ताल पर जाएंगे।