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हल्द्वानी के चैंपियन बेटे को विदेश में खेलने के लिए चाहिए आर्थिक मदद


हल्द्वानी:  कहते है प्रतिभा किसी भी चीज की मोहताज नहीं है। वो केवल परिश्रम के रास्ते पर चलने वालों को मिलती है। खेल की बात करें तो अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने में खिलाड़ी की मानों जिंदगी दांव पर होती है क्योंकि अगर वो खेल में भविष्य ना बना पाए तो निराधा उसे आगे बढ़ने में बाधा पैदा करती है।

हल्द्वानी के रहने वाले कराटे खिलाड़ी चेतन भट्ट (पुत्र हरीश चंद्र भट्ट ग्राम पिनयाली कठघरिया) ने विदेशों में भी राज्य का नाम रोशन किया है। चेतन का साउथ अफ्रीका के डरबन में होने वाली 9वीं कराटे कॉमेंनवेल्थ प्रतियोगिता के लिए चयन हुआ है।

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अपने चयन के बाद चेतन खुश तो है लेकिन आर्थिक परेशानी उसकी लंबी उड़ान में रुकावट पैदा कर रही है। इस प्रतियोगिता का आयोजन 25 नंवबर से 06 दिसंबर तक हो रहा है। इस टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए चेतन को डेढ़ लाख रुपए की जरूरत है।

चेतन ने आर्थिक मदद के लिए क्षेत्रीय विधायव व व्यापारियों के संपर्क किया, मदद का आश्वासन दिया गया लेकिन कोई मदद नहीं मिली। चेतन को यह रकम 7 नंवबर से पहले जमा करनी है नहीं तो वो इस प्रतियोगिता में भाग लेने से वंचित रह जाएगा।

चेतन ने इससे पहले श्रीलंका में आयोजित हुई साउथ एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल प्राप्त किया था। उसके अलावा वो लगातार तीन साल नेशनल चैपिंयन रहने के साथ 8वें कॉमनवेल्थ प्रतियोगिता में भाग ले चुका है। चेतन ने अपनी मदद के लिए आग्रह किया है जिससे की वो डरबन में होने वाली प्रतियोगिता में भाग ले सके।

ये राज्य का दुर्भाग्य ही है कि सरकार खेलों को बढ़ावा देने की बात करती है लेकिन खिलाड़ियों को स्पॉन्सरशिप के लिए संघर्ष करना पड़ता है। चेतन ने अपने क्षेत्रीय विधायक व नेताओं से भी मदद मांगी थी लेकिन उत्तराखण्ड के इस खिलाड़ी की परेशानी कम नहीं हुई।सरकार की उस नियत पर सवाल उठना लालजी है जो युवाओं को खेल के क्षेत्र में प्रोत्साहन करनी की बात करती है।

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