हल्द्वानी:पहाड़ी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं पटरी पर लौटने का नाम नहीं ले रही है। जिस 108 एंबुलेंस को जीवन का नाम दिया जाता है वो एक बार फिर किसी की मौत का कारण बनी। पीडित ने हॉस्पिटल पहुंचने के पहले दम तोड़ दिया। खबर कमस्यार घाटी के नरगोली (बागेश्वर) गांव की है। गुजरात से छुट्टी लेकर गांव पहुंचे विजय रौतेला (42 साल) की बुधवार शाम अचानक तबीयत खराब हो गई। ग्रामीण उसे देर रात बेड़ीनाग के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए।
विजय की गंभीर हालात के देखते हुए प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉक्टर सिद्धार्थ पाटनी ने उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया। परिजनों ने मौके पर 108 को बुलाने के लिए कॉल किा लेकिन उन्होंने ईधन ना होने की बात की।
उसके बाद मरीज के परिजनों ने उन्हें 108 एंबुलेंस में पेट्रोल खुद डलवाने की बात कही और अल्मोड़ा तक चलने का आग्रह किया लेकिन ड्राइवर ने नियम का हवाला देते हुए इंकार कर दिया। इसके बाद ग्रामीण जीप से अल्मोड़ा के लिए रवाना हुए। उन्होंने 108 एंबुलेंस को भिजवाने का कहा लेकिन उन्होंने केवल 6 किलीमीटर आने की बात कही। इसी बीच वक्त रहते हॉस्पिटल नहीं पहुंच पाने और इलाज ना मिलने से विजय ने धौलछीना में दम तोड़ दिया। इसके बाद ग्राणीण उसके शव को घर वापस ले गए। विजय की मौत के बाद घर पर कोहराम मच गया है। वहीं 108 एंबुलेस से वक्त रहते सहायता ना मिलने से मौता यह दूसरा वाक्या है। इससे पहले दल में एक महिला की मौत हुई थी।
इस मामले में 108 सेवा के जिला कॉर्डिनेंटर प्रमोद भट्ट ने बताया कि ईधन ना मिलने से पिथौरागढ़ जिले में 108 और खुशियों की सवारी के 19 वाहन खड़े हैं। केवल धारचूला में 108 सेवा मिल रही है। इस बारे में उच्चाधिकारियों को सूचित कर दिया है। CMO की ओर से पेट्रोल पंपों को एक हफ्ते में भुगतान करने का पत्र दे दिया गया है। शुक्रवार से पेट्रोल मिलने की उम्मीद है।